नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अनीता आडवाणी, जिनका दावा है कि वे दस साल तक सुपर स्टार रहे राजेश खन्ना के साथ सहजीवन रिश्ते में रही हैं, की वह याचिका स्वीकार कर ली है जिसमें महिला के किसी विवाहित पुरूष के साथ लिव-इन-रिलेशनशिप की कानूनी वैधानिकता पर सवाल उठाया गया है।

अपनी याचिका में अनीता ने बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी है। हाईकोर्ट ने टिप्पणी की थी कि राजेश खन्ना के साथ उनका रिश्ता विवाह की प्रकृति का नहीं था, इसलिए वह घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत राहत नहीं प्राप्त कर सकतीं।

कोर्ट ने यह भी कहा था कि इस मामले में राजेश खन्ना की पत्नी डिम्पल कपाडिया, पुत्री टि्वंकल और दामाद अक्षय कुमार को नहीं घसीटा जा सकता क्योंकि वे कभी भी उनके साथ नहीं रही थी। सुप्रीम कोर्ट ने पांच साल पहले लिव-इन-रिलेशनशिप को मान्यता दी थी।

मुख्य न्यायाधीश एच एल दत्तू की अध्यक्षता वाली पीठ ने अनिता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आर्यमा सुंदरम और वकील जतिन झावेरी की दलीलें सुनने के बाद नोटिस जारी किए।

गौरतलब है कि राजेश खन्ना का जुलाई 2012 में निधन हो गया था। याचिका में अनीता ने लिखा है कि राजेश खन्ना पिछले दो दशक से डिम्पल से अलग रह रहे थे।