वैज्ञानिकों का दावा; भारत में फुकुशिमा जैसा परमाणु हादसा संभव नहीं
नई दिल्ली : देश के परमाणु रिएक्टरों को लेकर तमाम चिंताओं को खारिज करते हुए परमाणु वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि भारत के परमाणु ऊर्जा प्रतिष्ठान पूरी तरह सुरक्षित हैं और यहां फुकुशिमा जैसा परमाणु हादसा संभव नहीं है.
परमाणु वैज्ञानिकों का यह विश्वास इस बात से भी सिद्ध होता है कि गत 17 मई को ही भारत सरकार ने 7000 मेगावाट क्षमता वाले 10 स्वदेशी परमाणु रिएक्टर स्थापित किए जाने को हरी झंडी दी है. उल्लेखनीय है कि देश में कुछ संगठन 11 मार्च 2011 को भूकंप और सुनामी के चलते जापान के फुकुशिमा परमाणु संयंत्र में हुई दुर्घटना जैसी घटनाओं का हवाला देकर भारत में स्थापित होने वाले परमाणु ऊर्जा संयंत्रों का विरोध कर रहे हैं.
पिछले दिनों कई परमाणु वैज्ञानिकों ने देश के परमाणु स्थलों को पूरी तरह से सुरक्षित बताया और कहा कि भारत फुकुशिमा जैसे हादसों से डरने वाला नहीं है. परमाणु ऊर्जा विभाग के राजा रमन्ना फेलो एवं परमाणु ऊर्जा शिक्षण संस्था के सचिव स्वप्नेश कुमार मल्होत्रा का कहना है कि देश के परमाणु प्रतिष्ठान पूरी तरह सुरक्षित हैं और किसी को भी इस बारे में भ्रांति नहीं होनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि भारतीय वैज्ञानिकों के सुरक्षा कदमों के चलते यहां कोई फुकुशिमा जैसा हादसा नहीं होने वाला है और देश के परमाणु वैज्ञानिक अपने इरादों पर अटल हैं. मल्होत्रा ने कहा, ‘भारत पूरी दुनिया को यह दिखाने वाला पहला देश था कि हम फुकुशिमा जैसे हादसों से भयभीत नहीं हैं. फुकुशिमा हादसे के बाद भारत दो नए रिएक्टर शुरू करने वाला पहला देश था.’ उन्होंने कहा कि परमाणु ऊर्जा भविष्य की पीढ़ियों को उजाला देगी और यह देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए बेहद जरूरी है.
तारापुर परमाणु बिजलीघर के स्थल निदेशक हेमंत कुमार शाह ने कहा कि परमाणु ऊर्जा को लेकर भ्रांतियां निराधार हैं और परमाणु स्थलों को लेकर किसी भी तरह का कोई डर नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘परमाणु संयंत्र अत्यंत सुरक्षित हैं. हम दुनिया में सर्वाधिक सुरक्षित उद्योग हैं. दूसरे उद्योगों में अधिक दुर्घटनाएं होती हैं.’ ध्रुव रिएक्टर के प्रभारी अधिकारी जे. तिवारी ने भी भारत के परमाणु प्रतिष्ठानों को पूरी तरह सुरक्षित बताया और कहा कि फुकुशिमा जैसे हादसों से डरने की जरूरत नहीं है.
उन्होंने कहा कि फुकुशिमा हादसे के बाद जो सुधार, सिफारिशें की गईं, उससे 20 दिन पहले ही इस तरह के सुधार ध्रुव रिएक्टर में कर दिए गए थे, मुंबई के ट्राम्बे स्थित भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र के प्रौद्योगिकी हस्तांतरण एवं सहयोग प्रभाग के अध्यक्ष श्रीकृष्ण गुप्ता ने कहा कि भारत के परमाणु संयंत्रों की सुरक्षा को लेकर किसी तरह की कोई भी आशंका पालने की जरूरत नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘जापान के फुकुशिमा हादसे के बाद हमारे परमाणु रिएक्टरों में भी 12 अतिरिक्त सुरक्षा प्रणाली स्थापित की गई हैं. इसलिए हमारे परमाणु रिएक्टर पूरी तरह सुरक्षित हैं.’ उल्लेखनीय है कि भारत सरकार ने गत 17 मई को कुल 7000 मेगावाट की क्षमता वाले 10 स्वदेशी दाबित भारी जल रिएक्टर (पीएचडब्ल्यूआर) स्थापित किए जाने को मंजूरी दी है.