भारत की शीर्ष महिला बैडमिंटन स्टार सायना नेहवाल रविवार को विश्व चैम्यिनशिप महिला एकल वर्ग के फाइनल में शीर्ष वरीय स्पेन की कैरोलीन मारिन के हाथों हार गई और उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा। सायना की विश्व चैम्पियनशिप में स्वर्ण जीतने की उम्मीद तो धराशायी हो गई, हालांकि विश्व चैंपियनशिप में वह रजत जीतने वाली भारत की पहली खिलाड़ी जरूर बन गईं।

मारिन ने 59 मिनट में सायना को 21-16, 21-19 से हराया। मारिन की सायना पर यह लगातार दूसरी जीत है। मारिन के खिलाफ अब तक खेले पांच मैचों में चार मैच फाइनल मुकाबले रहे हैं, जिनमें से किसी में सायना जीत हासिल नहीं कर सकी हैं। इंडोनेशिया ओपन-2013 के क्वार्टर फाइनल में सायना, मारिन को एकमात्र हार देने में सफल रही हैं।

पहले गेम में मारिन ने शुरू में कई गलतियां कीं और दूसरी विश्व वरीयता प्राप्त सायना बढ़त हासिल करने में सफल रहीं। मारिन ने उसके बाद वापसी करते हुए स्कोर 7-7 से बराबर कि या और उसके बाद जैसा पूरा मुकाबला एकतरफा हो गया।

दोनों खिलाडियों के बीच अच्छी टक्कर हुई और कई लंबी रैलियों के बीच शीर्ष वरीय मारिन अंतत: अंक हासिल करने में बीस साबित हुईं। पहला गेम समाप्त होते-होते सायना जैसे अपनी लय पूरी तरह खो बैठीं।

दूसरे गेम में अपने प्रदर्शन में सुधार करते हुए सायना ने कुछ अच्छे शॉट जरूर लगाए और 12-6 की अच्छी बढ़त हासिल करने में कामयाब रहीं। लेकिन अपने खिताब का बचाव करते हुए मारिन ने फिर से शानदार वापसी की और अगले सारे अंक हासिल करते हुए स्कोर बराबर कर लिया।

पहले गेम में मारिन ने शुरू में कई गलतियां कीं और दूसरी विश्व वरीयता प्राप्त सायना बढ़त हासिल करने में सफल रहीं। मारिन ने उसके बाद वापसी करते हुए स्कोर 7-7 से बराबर कि या और उसके बाद जैसा पूरा मुकाबला एकतरफा हो गया।

दोनों खिलाडियों के बीच अच्छी टक्कर हुई और कई लंबी रैलियों के बीच शीर्ष वरीय मारिन अंतत: अंक हासिल करने में बीस साबित हुईं। पहला गेम समाप्त होते-होते सायना जैसे अपनी लय पूरी तरह खो बैठीं।

दूसरे गेम में अपने प्रदर्शन में सुधार करते हुए सायना ने कुछ अच्छे शॉट जरूर लगाए और 12-6 की अच्छी बढ़त हासिल करने में कामयाब रहीं। लेकिन अपने खिताब का बचाव करते हुए मारिन ने फिर से शानदार वापसी की और अगले सारे अंक हासिल करते हुए स्कोर बराबर कर लिया।

सायना रौ में तो नहीं लग रही थीं, लेकिन किसी तरह वह स्कोर 18-18 से बराबर करने में जरूर सफल रहीं। लेकिन मारिन ने अगले दो अंक हासिल कर लिए और अंतत: सायना ने वाइड शॉट लगा मारिन को उनका दूसरा खिताब दे दिया। दोनों खिलाडियों के बीच अब तक हुए पांच मुकाबलों में चार फाइनल के मुकाबले रहे हैं।

इससे पहले भारत के नाम विश्व चैम्पियनशिप में चार कांस्य पदक रहे हैं और सायना ने देश के लिए पहला रजत पदक हासिल किया है। विश्व चैम्पियनशिप में भारत का यह कुल पांचवां पदक है। प्रकाश पादुकोण ने 1983 में पुरूष एकल वर्ग का कांस्य जीत भारत के लिए विश्व चैम्पियनशिप में पहला पदक हासिल किया था।

उसके बाद भारत को अगला पदक हासिल करने में 28 साल लग गए, जब ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोनप्पा की जोड़ी ने 2011 में महिला युगल वर्ग का कांस्य पदक जीता। भारत की दूसरे नंबर की खिलाड़ी पी. वी. सिंधु ने 2013 और 2014 में महिला एकल वर्ग में लगातार दो कांस्य पदक हासिल किए।

फाइनल मैच के बाद सायना के पिता ने कहा, मैं अब तक सायना से बात नहीं कर सका हूं। वह थोड़ी संवेदनशील लड़की है। हम उसके प्रदर्शन से संतुष्ट हैं, लेकिन निश्चित तौर पर यदि वह स्वर्ण जीतती तो हमारी खुशी चार गुना हो गई होती।