इंदौर। भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने नगरीय प्रशासन मंत्री और राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को पश्चिम बंगाल का प्रभार सौंपा है। शनिवार को इंदौर पहुंचने के बाद वे रैली के साथ भोपाल पहुचेंगे जहां प्रदेश भाजपा की ओर से उनका स्वागत किया जाएगा। इसके तुरंत बाद श्री विजयवर्गीय मुख्यमंत्री को मंत्री पद से इस्तीफे की पेशकश कर सकते हैं।

उन्होंने संकेत दिए हैं कि संगठन को ज्यादा समय देने की जरूरत है, ऐसे में दोनों जिम्मेदारियों के साथ न्याय संभव नहीं हो पाएगा। नई जिम्मेदारी मिलने के बाद श्री विजयवर्गीय ने नईदुनिया से कहा कि बंगाल की चुनौतियों का सामना कर संगठन को मजबूत करना पहली प्राथमिकता होगी।

-बंगाल में भाजपा का जनाधार बेहद कम है, वहां संघर्ष की स्थिति है, क्या रणनीति रहेगी?

जनसंघ के जमाने से ही व्यक्तिश: और वैचारिक आधार पर संगठन खड़ा करने का अभ्यास हर कार्यकर्ता को करवाया जाता है, लेकिन पश्चिम बंगाल की स्थिति कुछ अलग है। वहां गांवों तक भाजपा का नेटवर्क नहीं है। हमारी पहली कोशिश यही होगी कि गांवों तक कार्यकर्ताओं का ऐसा जाल तैयार कर दें कि बंगाल भी मध्यप्रदेश बन जाए।

-जहां कार्यकर्ता ही मुश्किल से मिलते हों, वहां क्या यह इतना आसान होगा?

चुनौती तो है, लेकिन जब मैं युवा मोर्चा में था तब के समय के हमारे साथी अभी वहां से राष्ट्रीय कार्यकारिणी और महत्वपूर्ण पदों पर हैं। इसलिए ज्यादा परेशानी नहीं आएगी।

-पश्चिम बंगाल के राजनीतिक परिदृश्य को कैसे देखते हैं?

बंगाल में कम्यूनिस्ट पार्टी का जनाधार है। ममता बनर्जी ने सरकार तो बना ली, लेकिन गलत नीतियों और कम्युनिस्ट सरकार के असामाजिक तत्वों को प्रश्रय देने की वजह से जनता में आक्रोश है। उसी को हम भाजपा के पक्ष में मोड़ेंगे।

-राष्ट्रीय स्तर की जिम्मेदारी के साथ प्रदेश और अपनी विधानसभा पर फोकस कर पाएंगे?

क्यों नहीं, राष्ट्रीय स्तर की जिम्मेदारी के साथ ही विधानसभा भी मेरी प्राथमिकता है। वहां अब भी उसी तरह ध्यान दिया जाएगा।