उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति पर एक बार फिर कर्मचारी से अभद्रता का आरोप लगा है। घटना की जानकारी मिलने पर कर्मचारी लामबंद हो गए और विभाग पर ताला जड़ दिया। आखिर में कुलपति ने कर्मचारियों की बात सुनी और कहा-आगे से ध्यान रखूंगा। इसके बाद कर्मचारी शांत हुए। विवि में मंगलवार को गोपनीय विभाग के कर्मचारी मुकाती कनोजिया पेपर सेटिंग के लिए शिक्षकों के चयन संबंधी फाइल लेकर कुलपति प्रो. एसएस पांडेय के पास गए थे।

इस दौरान कथित तौर पर कुलपति ने कर्मचारी से कहा कि तुम फाइल लेकर क्यों आए, इसके लिए 100 रुपए रिश्वत लेते हो। बाहर आकर कर्मचारी ने घटना की जानकारी अन्य कर्मियों को दी। इस पर कर्मचारी भड़क गए। उन्होंने गोपनीय विभाग में ताला लगा दिया। इसके बाद वे कुलसचिव डॉ.सुभाष आर्य के कक्ष में पहुंचे और उनके समक्ष बात रखी। कुलपति के कर्मचारियों के प्रति खराब व्यवहार पर सभी ने आपत्ति ली। काफी देर तक कर्मचारियों और कुलसचिव में चर्चा हुई। आक्रोशित कर्मचारियों ने कुलसचिव पर कुलपति के पास चलने के लिए दबाव बनाया।

कर्मचारियों के गुस्से को देख कुलसचिव मामले में कुलपति से बात करने के लिए उनके कक्ष में गए। उनके साथ कर्मचारी भी थे। भीड़ की वजह से हंगामे की स्थिति बन गई। कर्मचारियों ने नारेबाजी की। बड़ी संख्या में कर्मचारियों को देख कुलपति ने शलाका दीर्घा में बात करने को कहा। जहां मामले को लेकर कुलपति ने आगे से इस तरह का व्यवहार नहीं करने की बात कर्मचारियों से कही। उल्लेखनीय है कि कुछ समय पहले ही कुलपति पर गोपनीय विभाग के अधिकारी विनोद खले से अभद्रता का आरोप लगा था। घटना के बाद खले की तबीयत बिगड़ गई थी और उन्हें ताबड़तोड़ अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। अधिकारी अभी भी अवकाश पर हैं।