रायपुर। जिस इंस्टीट्यूट की इंजीनियरिंग की डिग्री पर केंद्र सरकार के उपक्रमों रेलवे, ऑयल कंपनी, कोल कंपनी आदि में नौकरी दी जा रही है और आईआईटी व आईआईएम जैसे संस्‍थानों में डिग्री लेकर एमटेक के लिए प्रवेश दिया जा रहा है। उसी डिग्री को छत्तीसगढ़ सरकार ने अमान्य कर दिया है।

राज्य सरकार द इंस्टिट्यूट ऑफ सिविल इंजीनियर्स (आईसीई) लुधियाना, इंडिया की बीई और बीटेक डिग्रीधारियों को राज्य में नौकरी के लिए लायक नहीं मानती है। नतीजा ये हुआ कि एएमआईसीई (एसोसिएट मेम्बरशिप ऑफ इंस्टिट्यूशंस ऑफ इंजीनियरिंग) के 400 से अधिक डिग्रीधारियों का भविष्य अधर में है। ग्रामीण यांत्रिकी विभाग ने हाल में 2 इंजीनियरों को नौकरी से भी निकाल दिया है। सालों से एएमआईसीई डिग्री लेकर राज्य के विभिन्‍न विभागों में नौकरी करने वाले कर्मचारियों को भी पदोन्न्ति से वंचित रखा जा रहा है। खुद तकनीकी शिक्षा विभाग के आयुक्त-सह संचालक ने एएमआईसीई को दूरवर्ती पाठ्यक्रम बताते हुए डिग्री मान्य करने में उचित नहीं होगा, कहकर पत्र जारी किया है, जबकि इसी डिग्री को दूरस्थ शिक्षा परिषद् ने दूरवर्ती होने से इंकार किया है।

केंद्र की हर नौकरी और संस्थानों के लिए वैध डिग्री

देश के सभी आईआईटी संस्थानों, आईआईएम संस्थानों, यूनिवर्सिटीज, यूपीएससी, गेट एवं कैट प्रवेश परीक्षा में एमटेक या अन्य मास्टर डिग्री के लिए एएमआईसीई डिग्री मान्य है। इसके अलावा रेलवे, इंडियन आर्मी, इंडियन ऑयल कंपनी, कोल कंपनी आदि में एएमआईसीई डिग्रीधारी इंजीनियरियर्स की नौकरी के लिए डिग्री मान्य मानी गई है।

तकनीकी शिक्षा ने कहा- दूरवर्ती शिक्षा

राज्य तकनीकी शिक्षा विभाग ने आईसीई के एमबीए और एमसीए पाठ्यक्रम को छोड़कर बाकी एएमआईई के समकक्ष डिग्री एएमआईसीई (एसोसिएट मेम्बरशिप ऑफ इंस्टिट्यूशंस ऑफ इंजीनियरिंग) को दूरस्थ शिक्षा बताते हुए अमान्य कर दिया है। सबसे दिलचस्प बात ये है कि राज्य में आईसीई की ही डिग्री एएमआई को मान्यता दी जा रही है और एएमआईसीई को अमान्य किया जा रहा है, जबकि दोनों ही डिग्री समकक्ष हैं। एएमआईसीई दूरवर्ती शिक्षा पद्धति में नहीं आता है इस सम्बंध में दूरस्थ शिक्षा परिषद् ने भी 25 अप्रैल 2008 में पत्र के माध्यम से स्पष्ट किया है।

एमएचआरडी से मान्य कोर्स

एएमआईसीई की डिग्री को मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने 6 नवम्बर 2007 को अनुमोदित किया था, जिसे एआईसीटीई (ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन) से भी अनुमोदित कराए जाने का उल्लेख है। एएमआईसीई और एएमआईई दोनों की समकक्ष डिग्री के रूप में मान्य किए गए हैं। दोनों में ही छात्रों को एक ही तरह की पढ़ाई करनी होती है और परीक्षा पद्धति भी एक है बावजूद इसके तकनीकी शिक्षा विभाग आयुक्त-सह संचालक ने 11 जून 2015 को राज्य शासन को अभिमत देते हुए एएमआईसीई को दूरवर्ती करार दिया है। राज्य शासन ने दूरवर्ती संस्‍थानों से डिग्री हासिल करने वाले अभ्यर्थियों को नौकरी नहीं देने का नियम बना लिया है।

तकनीकी शिक्षा विभाग किसी भी डिग्री को मान्य या अमान्य नहीं करती है। एआईसीटीई से मान्य इंजीनियरिंग संस्‍थानों की डिग्री मान्य होती है। एएमआईसीई की डिग्री के बारे में भी एआईसीईटी से जानकारी ले लेंगे। एमटेक के लिए इस डिग्री को मान्य करते हैं। मामले को देख रहे हैं। राज्य सरकार केंद्र की संस्‍थाओं की डिग्रियों को अपनी शर्त के अनुसार मान्य या अमान्य कर सकती है।