जयपुर। राजस्थान विधानसभा में मंगलवार को हंगामे के बीच बिना बहस के चार विधेयक पारित कर दिए गए। गुर्जर सहित चार जातियों को पांच फीसद आरक्षण के लिए विशेष पिछड़ा वर्ग (एसबीसी) आरक्षण विधेयक पारित कर दिया गया।

वहीं गरीब सवर्णों को 14 फीसद आरक्षण देने के लिए आर्थिक पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) आरक्षण विधेयक भी बिना बहस के पारित कर दिया गया। एसबीसी और ईबीसी के आरक्षण को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करवाने के लिए दोनों को लेकर अलग-अलग संकल्प विधानसभा में पारित किए गए। इन दोनों संकल्पों को केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।

पांच फीसद एसबीसी आरक्षण में गुर्जर समाज के अतिरिक्त रैबारी, गडरिया, गाडिया लुहार व बंजारा जातियों को शामिल किया गया है। वहीं 14 फीसदी ईबीसी आरक्षण में ब्राह्माण, वैश्य, कायस्थ, राजपूत सहित आर्थिक रूप से पिछड़ी गैर आरक्षित जातियों को शामिल किया गया है।

गौरतलब है कि पिछले डेढ़ दशक से गुर्जर समाज आरक्षण को लेकर आंदोलन कर रहा था। इसे लेकर कई बार हिंसक आंदोलन भी हो चुका है। अब तक गुर्जर आरक्षण आंदोलन के दौरान करीब 100 लोगों की मौत हुई है।

वहीं राजस्थान विधानसभा में हंगामे के बीच मानसून सत्र मंगलवार को समाप्त हो गया। प्रश्नकाल के दौरान राज्य के परिवहन मंत्री युनूस खान और निर्दलीय विधायक हनुमान बेनीवाल के बीच शुरू हुई नोंकझोंक हाथापाई तक पहुंच गई, लेकिन बीच बचाव के बाद दोनों शांत हो गए