राजस्थान के नागौर में जमीन विवाद के चलते दलित और जाट समुदाय में खूनी संघर्ष हुआ, जिसमें 3 दलितों को ट्रैक्टर से कुचल कर हत्या कर दी गई। इस दौरान महिलाओं से भी अमानवीय व्यवहार किए जाने का आरोप है। संघर्ष में कुल 4 लोगों की मौत हुई। पुलिस ने कुल 200 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जिनमें 27 नामजद हैं। अब तक किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया जा सका है। राज्‍य के गृह मंत्री गुलाब चंद्र कटारिया ने कहा, ‘कोई ऐसा जादू तो नहीं है हमारे पास कि तुरंत आदमी को ढूंढ ले।’
फिर हमला होने के खौफ में पीड़ित
आरोप है कि जाटों ने अस्पताल में भर्ती घायलों पर भी हमले का प्रयास किया। जिसके बाद अस्पताल में पुलिस तैनात कर दी गई है। दलित समुदाय के लोगों ने मृतकों का अंतिम संस्कार करने के लिए पुलिस सुरक्षा की गुहार लगाई है। उन्हें डर है कि इस दौरान आरोपी फिर से हमला बोल सकते हैं। वहीं, पुलिस का कहना है कि आरोपियों की तलाश की जा रही है।
यह है मामला
नागौर के डांगावास गांव में गुरुवार को 23 बीघा जमीन विवाद में पंचायत बुलाई गई। इसका बुलावा लेकर पहुंचे एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इसके बाद गुस्साए जाटों ने दूसरे पक्ष के 3 लोगों को ट्रैक्टर से कुचलकर मार डाला। बाद में यह झगड़ा और बढ़ गया जिसकी शिकार महिलाएं भी हुईं। हमले में मारे गए एक आदमी की आंखों में लकड़ी तक डाल दी गई।
घायल बोले- जहां छिपते, वहीं ट्रैक्टर चढ़ा देते
एक घायल महिला ने बताया, ‘250 लोगों की भीड़ से बचने को हम जहां भी छिपे, लोगों ने वहीं पर ट्रैक्टर चढ़ा दिया। घर की छत पर बचने को चढ़े तो मकान ही ढहा दिया। भीड़ ने महिलाओं को भी नहीं बख्शा, लाठी-सरियों से पीटा। दूसरे घायल खेमा राम ने बताया कि उसके परिवार के लोग पंचायत में थे, बातचीत के दौरान आरोपियों ने उनके एक सदस्य अर्जुन के सिर पर लाठी से वार कर दिया, सामने जाट समुदाय के लोग बंदूक लेकर बैठे थे, हमले के बाद अर्जुन एक बंदूकधारी के ऊपर गिरा, उसी दौरान अफरा-तफरी में ट्रिगर दबा और गोली रामपाल के लग गई।