दमोह। कहते हैं शरीर की देखभाल करने वाले लंबी उम्र पाते हैं और उन्हें तीन से चार पीढिय़ा देखने मिल जातीं हैं। ऐसी हीं इंद्रानी पति बृजलाल यादव हैं। 109 वर्ष की उम्र पाने के बाद भी यह किसी पर आश्रित नहीं हैं और अपना कार्य खुद करने में सक्षम हैं।

जिले के पथरिया के वार्ड क्रमांक 2 निवासी इंद्रानी का मूल निवास सागर जिले के बंडा तहसील अंतर्गत बम्हौरी खुर्द गांव है। अपनी इतनी उम्र का राज अतिवृद्ध इंद्रानी जुंडी (ज्वार) की रोटी और छांछ से तैयार महेरो का सेवन बतातीं हैं। वृद्ध की पांच संतानें थीं दो पुत्र व तीन बेटियां, सबसे बड़े बेटे तुलसीराम यादव की 80 वर्ष की उम्र में मौत हो गई है और अब यह अपने नाती-पंती के साथ रहकर अपना जीवन यापन कर रहीं हैं।

खुद करतीं हैं अपना काम
इंद्रानी के नाती साहब सिंह यादव ने बताया कि इतनी अधिक उम्र होने के बाद उनकी दादी अपना अधिकांश कार्य खुद कर लेतीं हैं। उनको इस उम्र में भी दिखाई देता है और दांत सही सलामत होने की वजह से गन्ना पसंदीदा है। नई उम्र के लोगों की तरह यह गन्ने को आसानी से छील देतीं हैं।

अंग्रेजों की देखी हुकूमत
इंद्रानी का जन्म 1907 में हुआ था और इस दौरान देश में अंग्रेजों का शासन काल था। वृद्धा ने जब होश संभाला तो अंग्रेजी हुकुमत को देखा और देश के कांतिक्रारियों द्वारा आजादी के लिए लाए गए बदलाव को भी देखा और आजादी की पहली खुशी का भी अहसास किया है।

सेहत का ये राज
इंद्रानी की पसंदीदा भोजन में जुंडी की रोटी और छांछ से तैयार महेरो है। आज भी इस भोजन को वह बड़े चाव से खातीं हैं। वृद्धा ने असाधारण उम्र पाने का राज भी इसी भोजन को बताया है।