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इंदौर . मानव तस्करी, लूट, धोखाधड़ी सहित 16 मामलों में फरार आरोपी जीतू सोनी के होटल से रेस्क्यू की गई 67 युवतियों के बयानों में भी चौंकाने वाला जानकारियां सामने आई हैं। युवतियों ने पुलिस को जो पूछताछ में बताया है, उसमें यह बात भी सामने आई है कि होटल में ऐसे भी ग्राहक आते थे जो डांस-गाना सुनने के साथ युवतियों पर एक से डेढ़ लाख रुपए एक दिन में लुटा देते थे। जिस दिन कलेक्शन कम होता, उस दिन युवतियों की कमरे में पिटाई होती थी।

हर दिन होटल में 6 से 8 लाख रुपए इकट्ठा होते थे। संभ्रांत परिवारों के लोग यहां आकर नशे में अपने पसंदीदा गाने बजवाकर डांस करवाते और उन पर नोट उड़ाते थे। इस दौरान बाउंसरों की नजर युवतियों पर रहती थी। वे नशे में धुत लोगों की उत्सुकता देख युवतियों को उन्हें ज्यादा से ज्यादा आकर्षित करने के लिए कहते, ताकि ज्यादा से ज्यादा पैसा मिले। सुबह जब इनके हिस्से की बारी आती थी तो इन्हें कभी 800 तो कभी हजार रुपए ही मिलते थे।
एसएसपी रुचिवर्धन मिश्र के मुताबिक एक युवती ने कहा कि प्रतिदिन होटल के दो बेसमेंट में चलने वाले 4 डांस बार में डेढ़ से 2 लाख रुपए तो लोग उड़ाकर ही जाते थे। हर फ्लोर पर करीब दो लाख का कलेक्शन होता था। जिस किसी दिन एक डांस बार में पैसे कम आते थे तो उस फ्लोर की युवतियों की पिटाई हो जाती थी। इसी कारण वे काफी डरी-सहमी रहती थीं। कुछ ने तो यह भी बताया कि जो एजेंट कोलकाता से उन्हें यहां नौकरी का बोलकर साथ लाए थे, उन्हें यह तक नहीं बताया था कि यहां उन्हें डांस भी करना है। इंदौर में कोई परिचित न होने के कारण वे बंधुआ मजदूर की तरह रहने को मजबूर थीं।
शनिवार और रविवार को होता था ज्यादा कलेक्शन
युवतियों ने ये भी कहा कि प्रतिदिन कम से कम 3 लाख और शनिवार-रविवार या फिर वीवीआईपी ग्राहकों के आने पर 7 से 8 लाख का गल्ला उठता था। यदि 8 लाख रुपए एक दिन में आते तो डांस खत्म होने के बाद 1 लाख रुपए पूरे स्टाफ में बंटते थे। बचे हुए 7 लाख जीतू रखता था।

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शाम 7 से सुबह 5 तक डांस करते, फिर खुद खाना बनाकर खाते थे 

कुछ युवतियों ने ये भी बताया कि रोज शाम 7 बजे वे तैयार होकर नीचे बार में आ जाती थीं। यहां रात साढ़े 3 बजे तक डांस करने के बाद वे सुबह 4-5 बजे के बीच खुद खाना बनाकर खाती थीं, फिर दिन में सोती थीं। कई युवतियों ने तो महीनों से रात की नींद ही नहीं ली थी।

अभिरक्षा में ली गई युवतियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया

होटल माय हाेम से अभिरक्षा में ली गई 67 युवतियों और बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण करवाया गया। इन्हें राऊ स्थित जीवन ज्योति आश्रम संस्था में रखा है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रवीण जडिया के आदेश के बाद शुक्रवार देर रात डॉ. अजय गुप्ता, डॉ. कल्पना अंब व तीन नर्सें रात को संस्था पहुंचीं। सभी का परीक्षण कर रात 1 बजे रिपोर्ट अधिकारियों को दी गई।

बेस्ट वेस्टर्न में कई लोगों ने करा रखी थी कमरों की रजिस्ट्री पर कब्जा जीतू का ही था, किराया भी वही रखता था 

जीतू सोनी ने तुकोगंज स्थित होटल बेस्ट वेस्टर्न में भी कई लोगों को प्रताड़ित कर रखा था। निखिल कोठारी ने पार्टनरशिप पर इस होटल में करीब 65 कमरे तैयार करवाए थे। इन सभी में निवेश करवाने के साथ निवेशकों को उन कमरों की विधिवत रजिस्ट्रियां भी कर दी थी। वहीं कुछ को बाकायदा एग्रीमेंट कर कमरे उनके होने की जानकारी दे रखी थी लेकिन निखिल की आर्थिक स्थिति बिगड़ने पर जीतू सोनी इससे जुड़ा। इसके बाद सभी एग्रीमेंट और रजिस्ट्रियों वाले कमरों पर भी सोनी ने कब्जा कर लिया था। बताते हैं कि होटल बेस्ट वेस्टर्न के मामले में कई अन्य लोगों की तरफ से भी सोनी के खिलाफ पुलिस को शिकायतें गई हैं। पुलिस इस होटल को लेकर मिली कुछ लोगों की शिकायत पर भी जल्द ही एफआईआर दर्ज कर सकती है।

प्लॉट पर कब्जा और धमकाने के दो और केस हुए दर्ज

जीतू सोनी पर शनिवार को दो और केस दर्ज हुए। खजराना पुलिस को कंस्ट्रक्शन कारोबारी नीरज पिता प्यारेचंद कुमावत निवासी बालाजी हाइट्स निपानिया ने शिकायत की थी कि वर्ष 2009 में पुष्प विहार कॉलोनी (खजराना) में हजार वर्गफीट का एक प्लॉट (133 ए) पांच लाख रुपए में खरीदा था। इसकी रजिस्ट्री भी करवा ली थी। प्लॉट पर फेंसिंग भी करवाई थी। 16 जनवरी 2011 को प्लॉट पर जीतू सोनी ने फर्जी दस्तावेज बनाकर कब्जा कर लिया और फेंसिंग तोड़कर खुद की फेंसिंग करवा ली। विरोध किया तो धमकाया भी। वहीं जूनी इंदौर थाने में एक महिला ने जीतू सोनी, बेटे अमित सोनी और जिग्नेश सोनी के खिलाफ शिकायत की। उसने बताया होटल माय होम, बेस्ट वेस्टर्न में वह डिस्पोजेबल आइटम सप्लाय करती थी। सोनी ने उसका 4 लाख 71 हजार का पेमेंट रोक लिया था। वह मांगने जाती तो उसे धमकाते थे।

जीतू सोनी के पश्चिम बंगाल में होने की सूचना

जिस समय पुलिस ने जीतू सोनी के होटल पर छापा मारा था, तब जीतू होटल में ही मौजूद था। दबिश देने आए अफसरों के पहुंचने के दौरान ही वह भाग निकला। इंदौर के बाद जीतू की देवास और फिर उज्जैन और मुंबई में होने की चर्चा चलती रही। क्राइम ब्रांच व सायबर सेल की टीम को उसकी आखिरी लोकेशन कोलकाता में होने की मिली है। हालांकि पुलिस को अब तक सफलता नहीं मिली है।