मोदी-अगर मैं 9 बनाऊं, आपको 6 दिखे तो मैं क्या करूं
बाहर कोई नहीं सुनता, इसलिए यहां बोलते हैं
मैंने सुना कि गुलाम नबी आजाद यहां वंशवाद पर चर्चा कर रहे थे. अपनी सरकार का काम बता रहे थे. बाहर उन्हें कोई सुनता नहीं है, इसलिए यहां बोल रहे थे.
50 साल सत्ता में रहकर जमीन से कटना स्वाभाविक
आपने आयुष्मान भारत की चर्चा की. आपने अमेरिका और ब्रिटेन का उदाहरण दिया, उनमें और हममें जमीन-आसमान का अंतर है. 50 साल सत्ता में रहना और जमीन से कट जाना स्वाभाविक है. इसलिए आप ऐसी बातें करते हैं. ये योजना देश के लिए है, किसी पार्टी के लिए नहीं है. सभी दल इसका अध्ययन करें, इसमें कोई कमी है तो सुझाएं, हम सुधार करेंगे.
अगर मैं 9 बनाऊं, आपको 6 दिखे तो मैं क्या करूं
अगर मैं यहां बैठकर 9 बनाऊं तो उधर बैठे कई लोगों को 6 दिखेगा, इसमें मेरी क्या गलती है? अब बताइए, ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ की रैंकिंग में सुधार होना गलत बात कैसे है? हमपर हमला बोलना संभव नहीं तो आप रेटिंग एजेंसी पर हमला बोल देते हैं. आप सबकी बुराई करिए, आपका लोकतंत्र में हक है, मेरे बाल नोच लीजिए, पर आप मेरी बुराई करते-करते देश की बुराई कर देते हैं, यह देश का नुकसान हो रहा है.
‘कांग्रेस मुक्त भारत’ मेरा नहीं, गांधी का आइडिया
विवेकानंद ने भी यंग इंडिया की बात की थी, गांधी ने भी नए भारत की बात की थी. राष्ट्रपति ने भी यही कहा. आप कहते हैं कि आपको न्यू इंडिया नहीं चाहिए, ठीक है, मुझे भी गांधी का भारत चाहिए. गांधी ने कहा था कि आजादी मिल गई है, अब कांग्रेस की जरूरत नहीं है. इसलिए कांग्रेस मुक्त भारत का आइडिया वहीं से आया है.
आपको घोटाले वाला भारत चाहिए?
आप को कौन सा भारत चाहिए, बोफोर्स घोटाले वाला, दूसरे घोटालों वाला भारत चाहिए, बड़ा पेड़ गिरने के बाद धरती डोल जाती है, ऐसा भारत चाहिए? हजारों लोगों की मौत के गुनहगार को विमान में बैठाकर विदेश में ले जाया जाए, ऐसा भारत चाहिए? दावोस में आप भी गए, हम भी गए, हमारे जाने का असर देखिए. आपको हमारा न्यू इंडिया नहीं चाहिए.
हमने सबको क्रेडिट दिया
हम गेमचेजर हैं, लक्ष्य का पीछा करते हैं, उसे प्राप्त करके रहते हैं. कड़ी मेहनत करते हैं. कांग्रेस का तरसना स्वाभाविक है. आपकी इच्छा है कि आपकी जयजयकार होनी चाहिए. 15 अगस्त को लाल किले पर आपके जितने पीएम रहे, उनके भाषण में किसी और सरकार का, राज्य सरकार का उल्लेख नहीं किया गया. केवल मैं कहता हूं कि देश को इस मुकाम तक पहुंचाने में सभी सरकारों का और सभी राज्य सरकारों का योगदान है. हम तड़पते नहीं हैं कि आप अटल जी का नाम लो, आपको ठीक लगे तो आप कह दीजिए.
हमेशा आपको बैटिंग नहीं मिलेगी
2014 से पहले जो हुआ, सब आपके खाते में आएगा? बचपन में हम देखते थे कि बच्चे खेलते-खेलते लड़ने लगते थे. हम सोचते थे कि लड़ाई क्यों होती है. बाद में पता चला कि जिसके हाथ में बैट होता है, वही खेलेगा, वह आउट होगा तो खेल नहीं होगा. आपकी भी यही आदत है, यही कोशिश है कि आपको हमेशा बैटिंग मिले.
पीएम ने राक्षसों से की कांग्रेसियों की तुलना?
कांग्रेस सासंद रेणुका चौधरी के शोर करने पर सभापति और उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने उनसे चुप रहने को कहा तो मोदी ने कहा, ‘अध्यक्ष जी, आप रेणुका जी को कुछ मत कहिए. रामायण सीरीयल के बाद ऐसी हंसी सुनने का आज सुनने का सौभाग्य मिला है.’
आधार का नहीं, बेनामी संपत्ति बनाने का क्रेडिट मिलना चाहिए
आधार कार्ड 20 साल पहले आधार तत्कालीन पीएम अटल बिहारी और गृह मंत्री लाल कृष्ण आडवाणी का विजन था. आज कांग्रेस इसका क्रेडिट लेने के लिए उतावली है. आनंद शर्मा जी, आप तो बर्फ का छुरा बनाकर भोंक सकते हैं और पता भी न चले, बेनामी संपत्ति का कानून पारित हो गया था, पर कुछ नहीं हुआ. हमने अब तक 3500 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति जब्त की है. आपके समय में इतनी बेनामी संपत्ति बनी तो आपको इसका भी क्रेडिट मिलना चाहिए.
आपने सारी योजनाएं आधे में छोड़ दीं.
जीएसटी का आपने विरोध किया, फिर कहा कि हमने शुरू किया. नीम कोटिंग पर आपने कहा कि हमने शुरू किया, आपने सारी योजनाएं आधे में छोड़ दीं. इसका नुकसान ज्यादा होता है. अब विदेश से यूरिया आता है तो उसकी भी नीम कोटिंग होती है. जब मैं सीएम था तो हर साल पीएम को यूरिया के लिए चिट्ठी लिखता था, जब मैं पीएम बना तब भी चिट्ठी आती थी, अब नहीं आती.
हमने आपकी अधूरी योजनाएं पूरी कीं
योजना पूरी हो न हो, लोगों की आदत है कि पत्थर जड़ देते हैं. हमने रेलवे का बजट बंद कर दिया, क्यों? मैंने देखा कि रेलवे की 1500 करोड़ रुपयों की घोषणाएं हो चुकी थी. जिसका कहीं कोई पता नहीं था, बस सदन में तालियां बज गईं, अखबार में छप गया, हो गया. मैंने देखा कि 30-40 साल पुरानी योजनाओं का पत्थर पड़ चुका है, पर कुछ नहीं हुआ. लेकिन 9 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा अटके हुए प्रोजेक्ट मैंने क्लियर किए. हम काम रोकने नहीं आए हैं. आपके लगे पत्थर तो कई जगह चोरी भी हो गए.
योजनाएं बंद होने का क्रेडिट भी आपके नाम
कई योजनाएं आपके समय में बंद हुईं. लाखों लोग बेरोजगार हुए, उसका भी क्रेडिट लीजिए. हम केवल उन्हीं राज्यों का काम नहीं कर रहे हैं, जहां हमारी सरकार हैं और आपको भी इसकी तारीफ करनी चाहिए.
आंबेडकर और सरदार को आपने भुलाया, हमने नहीं
गुलाम नबी आजाद साहब ने अमित शाह के भाषण से बस इतना निकाला कि उन्होंने सरदार भाई पटेल का नाम नहीं लिया. गुजरात चुनावों में सरदार साहब का आपने खूब नाम लिया. लेकिन एक हफ्ते बाद ही आपके यहां कार्यक्रम हुआ तो पोस्टर से उनका नाम ही गायब था. आप ये बताइए कि सरदार साहब और बाबा साहब आंबेडकर को भारत रत्न कब मिला? इतनी देर क्यों हुई?
किसानों की आमदनी बढ़ने से क्यों है परेशानी?
मैं सीएम रहा तो मुझे बारीकी में जाने का मौका मिला. हमने बजट आवंटन का सिस्टम ऐसा बना दिया है कि आज हम आउटकम भी देखते हैं. मैं हैरान हूं कि किसानों की आमदनी दोगुनी करने में किसका नुकसान हो सकता है? आज स्प्रिंकलर से गन्ना उग रहा है. पहले केले का तना काटने के लिए पैसे लगते थे, आज उससे कपड़े बन रहे हैं और सिंचाई के काम भी आ रहा है. किसान हरी नहीं, लाल मिर्च बेचे तो फायदा होगा. आपने बांस को पेड़ बना दिया, जिसे काटना मना था. हमने उसे घास बनाया तो उससे भी कमाई हो रही है.
तीन तलाक पर आपने क्यों नहीं बनाया कानून?
आज स्वच्छ भारत योजना, जनधन योजना, ब्लैक मनी, योगा दिवस का मजाक उड़ाया जा रहा है. आज ओबीसी समाज अपने हक के लिए मैदान में आया है. तीन तलाक पर आपके पास 30 साल पहले मौका था, क्यों नहीं अपने हिसाब से कानून बनाया? जेल जाने का प्रावधान तो हर कानून में है. हिंदू दो शादी करे, वह जेल चला जाए, उसका परिवार क्या खाएगा, तब नहीं सोचा?
महिलाओं की चिंता किसी एक पार्टी का विषय नहीं
दुष्यंत कुमार का शेर है- उनकी अपील है कि उन्हें हम मदद करें, चाकू की पसलियों से गुजारिश तो देखिए. महिलाओं पर अत्याचार किसी पार्टी का विषय नहीं है. बेटियों से सब पूछते हैं कि देर से घर क्यों आती है, बेटों से सवाल क्यों नहीं होते?
स्वच्छ भारत में सरकार का विज्ञापन नहीं
सोलर आधारित चूल्हे बनें, गैस ले जाने का खर्च बचेगा, क्लीन कुकिंग होगी. स्वच्छ भारत के विज्ञापन पर खर्च पर आपको चिंता हुई. इंफ्रास्ट्रक्चर से ज्यादा स्वच्छता का विषय आदत का है. आपने भी अपनी सरकार में कहा था कि आदत बदलने से ही इसमें बदलाव आएगा. इसके विज्ञापन में हम अपना प्रचार नहीं कर रहे, उसकी आदत बदलने की कोशिश कर रहे हैं. पहले लोगों के पैसों के एक ही परिवार के नेताओं के जन्मदिन पर अखबारों में विज्ञापन छपा करते थे. तब खर्च नहीं हुआ.
कांग्रेस के नेता ने ही लिखी कमीशन की बात
कांग्रेस के नेता और पूर्व राष्ट्रपति रहे आर. वेंकटरमण जी ने टाटा से मुलाकात के बाद लिखा था, ‘टाटा ने कहा- तोप और दूसरे रक्षा सौदों में राजीव गांधी या उनके परिवार को लाभ हुआ हो न हुआ हो, इसक नकारना मुश्किल होगा कि कांग्रेस पार्टी को कोई कमीशन नहीं मिला. उन्हें लगता था कि 1980 के बाद से उद्योगपतियों से चंदा नहीं मांगा गया है और पार्टी का खर्चा ऐसे सौदों से मिलने वाले कमीशन से चलता है.’
सुल्तान चले गए, सुल्तानी नहीं गई
परिवारवाद की बात आए तो बड़ा दुख होता है, आप ही के एक महाशय ने मीडिया में कहा, ‘सल्तनत गोन, बट वी बिहैव लाइक सुल्तान.’ मैं जयराम रमेश जी के इस खुलेपन के लिए उन्हें बधाई देता हूं.
गरीबों के लिए महंगाई रोकी
हमने कोशिश की है कि महंगाई को नियंत्रित रखें. हमने गरीब और मध्य वर्गीय परिवारों को इससे बचाने का काम किया है. हमने उन्हें मकान बनाने के लिए कर्ज में और ब्याज में छूट दी है. गांवों में घर दोबारा बनाने के लिए भी कर्ज में छूट दी है. हमने उपभोक्ताओं के संरक्षण, सस्ती दवाई दिलवाने के लिए कदम उठाए हैं.
एकसाथ चुनाव करने पर करें चर्चा
भारत जैसे देश में जहां इतने गरीब हैं, वहां लोकसभा और विधानसभा चुनावों में इतना खर्च होता है. हमने कई ऐसे फैसले किए हैं कि दुनिया के लोगों को आश्चर्य होता है. दोनों सदन में बैठे महानुभावों को सौभाग्य मिला है कि वे देश में एक साथ चुनाव करने पर चर्चा करें.
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को लोकसभा को संबोधित किया. विपक्ष और एनडीए में सहयोगी दल टीडीपी के विरोध के साथ पीएम मोदी के भाषण की शुरुआत हुई. अपने भाषण में पीएम ने कांग्रेस पार्टी पर जमकर हमला बोला. मोदी ने पूर्व पीएम जवाहर लाल नेहरू, राजीव गांधी से लेकर राहुल गांधी तक को अपने भाषण में निशाने पर लिया. विपक्षी पार्टियां पीएम मोदी के डेढ़ घंटे के भाषण के दौरान लगातार नारेबाजी करती रहीं.