भोपाल। कन्यादान योजना में होने वाली शादियों में कन्या की पात्रता के मुताबिक उसे टॉयलेट युक्त आवास भी दिया जाएगा। ये जानकारी प्रदेश के पंचायत, ग्रामीण विकास, सहकारिता एवं सामाजिक न्याय मंत्री गोपाल भार्गव ने शनिवार को जनसंपर्क विभाग में आयोजित पत्रकार वार्ता में दी। इस दौरान उन्होंने अपने सभी विभागों के रिपोर्ट कार्ड का ब्यौरा पेश किया। मंत्री भार्गव ने बताया कि हाउसिंग सोसाइटीज को लेकर होने वाली शिकायतों के निपटारे के लिए अब खुला मंच आयोजित किया जाएगा, जिसमें हाउसिंग सोसाइटीज से जुड़ी सभी शिकायतों का ऑनस्पॉट निराकरण कराया जाएगा।

कपिलधारा कुओं का निर्माण

मनरेगा पर उन्होंने बताया कि इसके तहत मप्र में तीन लाख से ज्यादा कपिलधारा कुओं का निर्माण किया गया, जिससे तीन लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की क्षमता बढ़ी। इसके बूते मप्र को दो बार कृषि कर्मण अवार्ड मिल सका और तीसरी बार के लिए भी मप्र ने मजबूत दावेदारी पेश की है। जहां तक मनरेगा को जिला विशेष तक सीमित करने की बात है तो मुझे नहीं लगता कि राज्यों की सहमति के बिना केंद्र इसमें बदलाव करेगा।

मंत्री भार्गव ने मनरेगा में घोटालों-घपलों पर कहा कि मप्र ही एक ऐसा राज्य है जहां इसकी जांच के दायरे में आईएएस से लेकर पंचायत सचिव तक नप चुके हैं और इन मामलों की जांच के लिए अलग से लोकपाल की नियुक्ति की गई है, जिसकी जिम्मेदारी संभागायुक्त की है।

बैंकों में भर्ती बोर्ड के जरिए होगी भर्ती

मनरेगा पर केंद्र से हमारी लगातार बातचीत चल रही है, जिसके चलते पहले 163 करोड़ और बीते दिनों 543 करोड़ की किस्त जारी हुई। सहकारिता विभाग के संदर्भ में उन्होंने जानकारी दी कि जिलों में संयुक्त पंजीयक, उपपंजीयक और सहायक पंजीयक की नियुक्ति तीन से ज्यादा समय तक पदस्थ नहीं रहेंगे। जिला सहकारी बैंकों में भर्ती बैंकिंग भर्ती बोर्ड के जरिए की जाएगी।

सहकारिता में गड़बड़ी के सवाल पर भार्गव ने कहा कि दरअसल सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के चलते ऐसे आरोप लगते रहे हैं। हमने सरकार से बात की है कि इसमें मौजूद खामियों को दूर किया जाए। उन्होंने सामाजिक सुरक्षा की योजना में हो रही गड़बड़ी पर अंकुश का भी जिक्र किया और बताया कि मप्र में चलाई जा रही समग्र योजना की पूरे देश में प्रशंसा हो रही है।

इससे जहां गड़बड़ी पर रोक लगी, वहीं लाभार्थियों के बैंक खातों में सीधे उनके हिस्से की रकम मिल जा रही है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत प्रदेश में 10 हजार किमी सड़क बनाया जाना है। किन्नरों को स्वच्छता अभियान से जोड़ा गया है, वहीं मप्र की चर्चित योजनाओं में एक पंचपरमेश्वर के तहत 43 अरब रुपए जारी कर 52 हजार गांवों में आंतरिक सड़कों का निर्माण किया गया। इस योजना को उत्तर प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र ने भी अपने यहां लागू किया है।