मंगलवार को लोकायुक्त टीम ने उज्जैन में पदस्थ एक पटवारी के उज्जैन व महिदपुर स्थित निवास पर छापा मारा। छापे में पकड़ाए पटवारी संजीव पांचाल के पास से डेढ़ करोड़ की अनुपातहीन संपत्ति मिली है, जबकि उसे 23 साल की नौकरी में 20 लाख रूपए वेतन मिला है। कार्रवाई के दौरान पटवारी पांचाल को समझ नहीं आया कि उसके घर पुलिस क्यों पहुंची। लोकायुक्त ने जब एक-एक कर दस्तावेज मंगाए तो भागदौड़ मच गई।

कार्रवाई देख पटवारी की मां की तबीयत बिगड़ गई। टीम ने उन्हें समझाया हम आपके बेटे के खिलाफ कुछ गलत नहीं करेंगे। एक घंटे बाद परिवार सामान्य हुआ। उज्जैन में इंस्पेक्टर बसंत श्रीवास्तव, एफएल पेंद्रे, महिदपुर में डीएसपी उदावल ने कार्रवाई की।

तीन वर्ष पहले आया: पटवारी पांचाल मूलत: महिदपुर का रहने वाला है। वर्ष 2012 में गृहनगर में पदस्थापना न होने से तबादला उज्ौन हुआ था। पांचाल के पिता सहकारी बैंक से सेवानिवृत्त कर्मचारी है। उसके दो बेटे इंदौर में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं।

उम्मीद से कम संपत्ति : छापे में लोकायुक्त पुलिस को उम्मीद से बहुत कम संपत्ति मिली। पटवारी के पास जो डेढ़ करोड़ की संपत्ति होना बताई जा रही है, उसमें से कृषि भूमि पटवारी की पैतृक जमीन है।

एक जमीन मां और पत्नी के नाम से है। वहीं महिदपुर में मकान एक गृह निर्माण संस्था से महज 680 रूपए वर्गफीट में खरीदा था। पटवारी के घर से मिले नकद 75 हजार की राशि बैंक में किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़वाने के लिए रखी हुई थी। जो एलआईसी पॉलिसी मिली है, उससे पटवारी ने करीब 12-13 लाख रूपए का लोन भी उठा रखा है। इंदिरानगर के मकान की रजिस्ट्री भी उसने 5-6 महीने पहले ही कराई है।
फंसाया गया है मुझे

आज तक मेरे खिलाफ एक शिकायत तक नहीं हुई है। जो संपत्ति मिली है वह पैतृक होकर संयुक्त परिवार की है। मैंने लोन लेकर उज्ौन में मकान खरीदा है। किसी ने लोकायुक्तको झूठी जानकारी देकर मुझे फंसाया है।
संजीव पांचाल, पटवारीउज्जैन तहसील में पदस्थ पटवारी संजीव पांचाल के उज्जैन और महिदपुर के घर में छापा मारा है। पटवारी के पास अनुपातहीन संपत्ति मिली है। जांच जारी है।अरूण मिश्र, एसपी लोकायुक्त