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महाराष्ट्र की राजनीति ने शनिवार को ऐसा मोड़ लिया जिसके बारे में किसी ने सोचा तक नहीं था। इसे सबसे बड़ा सियासी उलटफेर कहा जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। भाजपा ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ राज्य में सरकार बना ली है। देवेंद्र फडणवीस को जहां दोबारा राज्य की कमान मिली है वहीं एनसीपी के वरिष्ठ नेता अजित पवार उप-मुख्यमंत्री का कार्यभार संभालेंगे।

यह घटनाक्रम ऐसे समय पर हुआ है जब माना जा रहा था कि शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में राज्य में सरकार का गठन होगा। अपनी सहयोगी पार्टी भाजपा से अलग होने के बाद शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाने की कवायद शुरू कर दी थी। तीनों पार्टियों के बीच काफी बैठकें भी हुईं। जिसमें न्यूनवतम साझा कार्यक्रम के तहत बात भी बन गई थी और कहा जा रहा था कि शनिवार को स्थिति साफ हो जाएगी।

शरद पवार ने शुक्रवार कहा था कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में सरकार बनेगी। वहीं शनिवार सुबह सारी बाजी पलट गई और राज्य की कमान एक बार फिर भाजपा के हाथों में चली गईं। इस उलटफेर को लेकर कांग्रेस ने एनसीपी पर विश्वासघात करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस नेता तारिक अनवर का कहना है कि कोई इस तरह से यू-टर्न लेगा किसी ने सोचा तक नहीं था।

वहीं शरद पवार ने सफाई देते हुए इसे अजित पवार का व्यक्तिगत फैसला बताया है। शरद पवार का कहना है कि यह सब मेरी जानकारी के बिना हुआ। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए भाजपा को समर्थन देने का अजित पवार का फैसला उनका व्यक्तिगत निर्णय है। यह एनसीपी का फैसला नहीं है। हम यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि हम इस फैसले का समर्थन नहीं करते।’