मंदसौर में खुलेगा विक्रम विवि का रीजनल सेंटर
मंदसौर। विक्रम विश्व विद्यालय ने चार साल से चल रही मंदसौर में रीजनल सेंटर की मांग को बुधवार को मान लिया। विवि ने लीड कॉलेज में क्षेत्रीय कार्यालय खोलने का निर्णय लेकर प्राध्यापक डॉ. अशोक अग्रवाल को रीजनल डायरेक्टर नियुक्त कर दिया है। उनके साथ दो सहयोगी भी नियुक्त किए हैं। क्षेत्रीय कार्यालय खुलने से मंदसौर, नीमच जिले के साथ ही जावरा क्षेत्र के विद्यार्थियों को भी फायदा मिलेगा।
जिले 6 शासकीय महाविद्यालयों और अन्य निजी महाविद्यालयों में अध्ययनरत लगभग 20 हजार से अधिक विद्यार्थियों को अंकसूची में सुधार, नामांकन, पुर्नमूल्यांकन, अंकसूची में गड़बड़ी जैसे छोटे-छोटे कार्यों के लिए 200 किमी दूर विक्रम विवि उज्जैन जाना पड़ता था। अब विद्यार्थियों को उज्जैन नहीं जाना पड़ेगा। विक्रम विवि ने बुधवार को निर्देश जारी कर राजीव गांधी शासकीय महाविद्यालय में क्षेत्रीय कार्यालय खोलने की अनुमति प्रदान कर दी है।
प्राध्यापक डॉ. अशोक अग्रवाल को रीजनल डायरेक्टर नियुक्ति किया है। श्री अग्रवाल के सहयोग के लिए धर्मेंद आर्य व रामेश्वर राव को कार्यभार सौंपा है।
चार साल बाद
मिली सुविधा
मंदसौर व नीमच जिले के विद्यार्थियों की सुविधा के लिए 12 अक्टूबर 2011 को उच्च शिक्षा विभाग के निर्देश पर विक्रम विवि उज्जैन द्वारा क्षेत्रीय कार्यालय खोलने के लिए राजीव गांधी महाविद्यालय प्रशासन को पत्र जारी किया था। उसके बाद महाविद्यालय प्रशासन ने स्थापना संबंधी व्यवस्था करने, कर्मचारियों की नियुक्ति व कक्ष निर्माण के लिए विवि को पत्र लिखा। उसके बाद से कार्यालय का खर्च वहन कौन करेगा? इसी बात को लेकर चार साल से मामला महाविद्यालय व विवि प्रशासन उलझा हुआ था।
उच्च शिक्षा ने लगाई फटकार
लंबे समय से लंबित क्षेत्रीय कार्यालय को लेकर 20 दिन पहले उच्च शिक्षा विभाग ने विक्रम विवि के अधिकारियों की बैठक ली थी। अब तक क्षेत्रीय कार्यालय प्रारंभ नहीं होने पर अधिकारियों को जमकर फटकार लगाते हुए जल्द कार्रवाई के निर्देश दिए थे। बाद में विवि ने आनन-फानन में पत्र जारी कर प्रभारी नियुक्त कर दिए। कार्यालय की कार्यप्रणाली को लेकर स्थिति अभी भी साफ नहीं हो पाई है।
विद्यार्थियों की समस्या को समय-समय पर नईदुनिया द्वारा प्रमुखता से प्रकाशित किया जाता रहा है। क्षेत्रीय कार्यालय को लेकर भी नईदुनिया में 19 सितंबर 2014 को ‘खर्च वहन करने को नहीं हो रहे तैयार’ शीर्षक के साथ एवं 16 मई 2015 को ‘नहीं खुला कार्यालय’ शीर्षक के साथ प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी।उज्जैन नहीं जाना पड़ेगा
विद्यार्थियों की समस्या को ध्यान में रखते हुए विवि ने क्षेत्रीय कार्यालय के लिए प्रो. अशोक अग्रवाल को रीजनल डायरेक्टर नियुक्त किया है। अब विद्यार्थियों को समस्या समाधान के लिए उज्जैन नहीं जाना पड़ेगा।
– डॉ. ज्ञानचंद खिमेसरा, प्राचार्य
राजीव गांधी शासकीय महाविद्यालय
इस सत्र में परेशान
हुए थे विद्यार्थी
मामला -1
4 मई को विवि द्वारा घोषित बीएससी प्रथम सेम के परीक्षा परिणामों में राजीव गांधी शासकीय महाविद्यालय के 700 में से लगभग 500 विद्यार्थियों को सीसीई में फेल कर दिया।
मामला-2
एमएससी प्रथम सेम के कम्प्यूटर प्रोग्राम सी लैंग्वेज विषय में राजीव गांधी महाविद्यालय के 44 में से थ्योरी में 25 विद्यार्थियों को फेल कर दिया।
मामला – 3
10 अप्रैल को घोषित बीएससी तृतीय सेम भूगर्भ शास्त्र में भी महाविद्यालय में अध्ययनरत 26 विद्यार्थियों को शून्य अंक दे दिए थे।
मामला – 4
अंकसूचियों में गड़बड़ी के चलते 225 विद्यार्थी बीए, बीकॉम व बीएससी छठे सेम के परीक्षा फार्म अंतिम तारीख तक नहीं भर पाए। अंकसूची में डब्ल्यूएच आने पर कई विद्यार्थियों को उज्जैन जाना पड़ा था।
मामला – 5
बीकॉम छठे सेम के राहुल पाटीदार को एक विषय में एटीकेटी आई थी। पुनर्मूल्यांकन कराया तो पास हो गया। लेकिन अंकसूची में फेल ही आया। राहुल को पांच बार विवि उज्जैन के चक्कर लगाने पड़े।
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