मैंने 4 लाख से शुरू किया था अपना उद्योग
आरजीपीवी के “इंप्रेन्‍डीटोर” कार्यक्रम में तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री श्री जोशी

मैंने मध्यप्रदेश वित्त निगम से लोन लेकर 4 लाख रुपये में देवास में उद्योग शुरू किया था। कठिन परिश्रम से उसे सफलतापूर्वक चलाया भी। तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दीपक जोशी ने यह बात राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के स्टार्ट-अप इण्डिया योजना के ‘इप्रेन्‍डीटोर” कार्यक्रम में कही।

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‘इंप्रेन्‍डीटोर’ विद्यार्थियों में उद्यमशीलता के विकास के लिये किया जा रहा है। यह दो-दिवसीय कार्यक्रम है। इसमें विभिन्न कौशल आधारित प्रतियोगिताएँ करवायी जायेंगी। मुख्य रूप से स्टार्ट-अप और आंत्रप्रन्योरशिप आधारित क्विज प्रतियोगिताएँ होंगी।

तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि भारत ने पूरी दुनिया को सभ्यता सिखाने के साथ ही ज्ञान-विज्ञान की बातें बतायी हैं। उन्होंने कहा कि देश को विश्व के अग्रणी देशों की पंक्ति में लाने के उद्देश्य से ही डिजिटल इण्डिया, स्टार्ट-अप और स्वच्छ भारत अभियान जैसे अनेक कार्यक्रम चलाये गये हैं।

श्री जोशी ने कहा कि लक्ष्य निर्धारित कर कड़ी मेहनत करेंगे तो सफलता जरूर मिलेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार उद्योग लगाने में पूरा सहयोग करेगी। उच्च शिक्षा कोष से प्रतिभाशाली गरीब विद्यार्थियों को पढ़ाई के लिये आर्थिक सहायता दी जायेगी।

तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय को डिजिटल बनाया जायेगा। विद्यार्थियों को एक क्लिक पर पूरी जानकारी मिलेगी। उन्होंने कहा कि एल्युमिनाई भी इस कार्य में सहयोग करें। श्री जोशी ने विश्वविद्यालय केम्पस में एल्युमिनाई एसोसिएशन के कार्यालय का उदघाटन किया। उन्होंने युवा स्टार्ट-अप उद्यमी श्री अर्पित वगेरिया द्वारा लिखित उपन्यास ‘आई स्टिल थिंक अबाउट यू” का विमोचन भी किया।

इस वर्ष 100 स्टार्ट-अप का लक्ष्य

कुलपति प्रो. पियूष त्रिवेदी ने कहा कि ‘स्टार्ट-अप’ सेक्सन को कार्य के लिये पूरी स्वतंत्रता दी जायेगी। उन्होंने कहा कि इस वर्ष प्रदेश में 100 स्टार्ट-अप का लक्ष्य है। श्री त्रिवेदी ने बताया कि विश्वविद्यालय में नवाचार के लिये 10 करोड़ का फण्ड रखा गया है। उन्होंने बताया कि जापान के सहयोग से सोलर एनर्जी के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया जा रहा है।

विज्ञान भारती के श्री जयंत सहस्रबुद्धे ने कहा कि विदेशी शासकों ने उद्योग प्रधान देश को नौकरी प्रधान देश बना दिया। उन्होंने कहा कि देश में पुरानी परम्परा को पुनर्जीवित करने के लिये ही ‘स्टार्ट-अप” जैसी योजना शुरू की गयी है।

युवा स्टार्ट-अप उद्यमी फुडपांडा नई दिल्ली के एम.डी. श्री रोहित चड्डा, इंटर्नशाला नई दिल्ली के सीईओ और फाउण्डर श्री सर्वेष अग्रवाल और युवा लेखक श्री अर्पित वगेरिया ने विचार व्यक्त किये। उन्होंने विद्यार्थियों से विभिन्न विषय पर चर्चा भी की। विद्यार्थियों ने भी अपने विचार रखे।