खेल । 1990 में नेल्सन मंडेला के जेल से रिहा होने के साथ ही दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट टीम पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भाग लेने पर लगे प्रतिबंध को समाप्त करने की सुगबुगाहट शुरू हो गई।

जब प्रतिबंध खत्म हुआ तो फिर दक्षिण अफ्रीकी टीम अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने के लिए विपक्षी टीम की तलाश में लग गई। इस सिलसिले में वहां के बोर्ड अधिकारी श्रीलंका, भारत और पाकिस्तान के दौरे पर निकले। भारत में तब जगमोहन डालमिया बीसीसीआइ के सचिव थे और माधवराव सिंधिया बोर्ड अध्यक्ष हुआ करते थे। दक्षिण अफ्रीकी अधिकारियों का डालमिया ने कोलकाता में जोरदार स्वागत किया।

इस दौरान खबर आई कि पाकिस्तान ने भारत का प्रस्तावित दौरा रद कर दिया है। डालमिया ने मौके को भुनाते हुए दक्षिण अफ्रीका के सामने वनडे सीरीज खेलने के लिए दो सप्ताह के भीतर ही भारत आने का न्योता दे डाला और कुछ दिनों बाद ही दक्षिण अफ्रीकी टीम भारत में थी।

भारत में मिले प्यार से द अफ्रीकी हुए भावुक

करीब 22 साल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से बाहर रहने के बाद दक्षिण अफ्रीका ने देश के बाहर पहला दौरा भारत का किया। जब तीन वनडे मैच खेलने दक्षिण अफ्रीकी टीम भारत पहुंची तो उसका जोरदार स्वागत किया गया।

कोलकाता के ईडन गार्डेंस में भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच पहला वनडे मैच खेला गया। बताया जाता है कि उस मैच में ईडन में दर्शकों की संख्या उसकी क्षमता से कहीं ज्यादा थी। लो स्कोरिंग मैच में भारत ने जीत हासिल की।

भारत की तरफ से प्रवीण आमरे ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया। इस मैच को दक्षिण अफ्रीका के महान तेज गेंदबाज एलन डोनाल्ड के लिए याद किया जाता है, जिन्होंने अपने पहले ही मैच में पांच विकेट झटककर अपने हुनर से दुनिया के लोगों को अवगत कराया।

अगला मैच ग्वालियर में खेला गया, जिसे जीतते हुए भारत ने सीरीज अपने नाम कर ली, हालांकि दिल्ली में खेले गए सीरीज के तीसरे और अंतिम मैच में मेहमान टीम सांत्वना जीत दर्ज करने में सफल रही। फ्लड लाइट में खेले गए हाई स्कोरिंग मैच में केप्लर वेसल्स और पीटर कर्स्टन इस जीत के नायर रहे।

दक्षिण अफ्रीकी टीम ने सीरीज 1-2 से गंवा दी, लेकिन वे दुखी नहीं थे। भारतीय क्रिकेट प्रेमियों से मिले अथाह प्यार ने उन्हें अचरज में डाल दिया था। बाद में भावुक कप्तान क्लाइव राइस ने प्रतिष्ठित पत्रिका विस्डन से दौरे को लेकर बातचीत में कहा, “मैं समझ सकता हूं कि नील आर्मस्ट्रांग को चांद पर पैर रखने के बाद कैसा महसूस किया होगा।”

पहला वनडे (10 नवंबर, 1991, कोलकाता) ::

परिणाम : भारत तीन विकेट से विजयी

दक्षिण अफ्रीका : 177/8 (47 ओवर)

केप्लर वेसल्स 50, एड्रियन कुइपर 43, कपिल देव 2/23

भारत : 178/7 (40.4 ओवर)

सचिन तेंदुलकर 62, प्रवीण आमरे 55, एलन डोनाल्ड 5/29

दूसरा वनडे (12 नवंबर, 1991, ग्वालियर) ::

परिणाम : भारत 38 रन से विजयी

भारत : 223/6 (45 ओवर)

के श्रीकांत 68, नवजोत सिद्धू 61, एलन डोनाल्ड 3/36

दक्षिण अफ्रीका : 185/8 (45 ओवर)

केप्लर वेसल्स 71, वेंकटपति राजू 3/43

तीसरा वनडे (14 नवंबर, 1991, दिल्ली) ::

परिणाम : दक्षिण अफ्रीका आठ विकेट से विजयी

भारत : 287/4 (50 ओवर)

रवि शास्त्री 109, संजय मांजरेकर 105, पीटर कर्स्टन 1/23

दक्षिण अफ्रीका : 288/2 (46.4 ओवर)

केप्लर वेसल्स 90, पीटर कर्स्टन 86, के श्रीकांत 1/25