वाशिंगटन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिकी दौरे से पहले भारत और अमेरिका ने मंगलवार को 500 अरब अमेरिकी डॉलर (करीब 329.18 खरब रुपये) के आर्थिक आदान-प्रदान को रफ्तार देने और क्षेत्रीय सुरक्षा के मकसद से द्विपक्षीय रणनीतिक और व्यापारिक बातचीत का शुभारंभ किया। आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए दोनों देशों ने 2008 के मुंबई पर आतंकी हमले के साजिशकर्ताओं पर कार्रवाई करने का पाकिस्तान से आह्वान किया।

लक्ष्य हासिल करने के लिए समयसीमा तय की : सुषमा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की मुलाकात से पहले भारत और अमेरिका ने मंगलवार को पहली रणनीतिक और व्यापारिक बातचीत की। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बताया कि आतंकवाद पर गहन चर्चा के बीच भारत और अमेरिका ने अलकायदा, लश्कर ए तैयबा, डी-कंपनी, हक्कानी नेटवर्क और अन्य क्षेत्रीय संगठनों को दक्षिण एशिया में स्थिरता के लिए खतरा माना है।

उन्होंने कहा, ‘भारत और अमेरिका सहयोग बढ़ाने की राह पर हैं। भारत और अमेरिकी संबंधों का यह बहुत ही व्यस्त समय है। हमने अपने लक्ष्य हासिल करने के लिए समयसीमा तय की है।’ उल्लेखनीय है कि सुषमा स्वराज के साथ वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण और ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल भी अमेरिका दौरे पर हैं।

ओबामा मोदी से मुलाकात को उत्साहित : केरी

वहीं, अमेरिकी विदेश मंत्री केरी ने बताया कि राष्ट्रपति ओबामा अगले हफ्ते न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठकों के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात को लेकर उत्साहित हैं। भारत के साथ अमेरिका 500 अरब डॉलर के आर्थिक लेन-देन का लक्ष्य रखता है। दोनों देशों के बीच महान मूल्यों की साझेदारी के साथ ही दोनों सबसे पुराने लोकतंत्र हैं। हम अपने लोगों की आजादी और निजी रचनात्मकता को सर्वोपरि रखने के साथ ही मानवाधिकारों को आदर देते हैं।

उन्होंने कहा कि विश्व में सबसे अहम साझीदार और सबसे बड़े लोकतंत्र के साथ जबरदस्त एजेंडे के साथ बातचीत हुई। उनकी सुषमा स्वराज के साथ आतंकवाद की रोकथाम, हिंद महासागर, समुद्री सीमा की सुरक्षा, दक्षिण चीन समुद्र, मौजूदा दक्षिण एशियाई चुनौतियों और वैश्विक आधार पर परमाणु अप्रसार व पर्यावरण परिवर्तन पर बहुत गहन चर्चा हुई।