बीजेपी के सीनियर लीडर लालकृष्ण आडवाणी ने कहा है कि देश की राजनीतिक व्यवस्था में अब भी आपातकाल की आशंका है। आडवाणी ने कहा, ” भविष्य में नागरिक स्वतंत्रता के निलंबन की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।” इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में भी संवैधानिक और कानूनी कवच होने के बावजूद लोकंतत्र को कुचलने वाली ताकतें मजबूत हैं।
इंदिरा गांधी की आलोचना
इमरजेंसी को को इंदिरा गांधी और उनकी सरकार का अपराध बताते हुए आडवाणी ने कहा, “यह फिर हो सकता है, भले ही देश को संवैधानिक संरक्षण प्राप्त है। 2015 में भी पर्याप्त सुरक्षा उपाय नहीं हैं। मैं नहीं समझता कि आपातकाल के दौर के बाद ऐसा कुछ किया गया हो जिससे मुझे यह आश्वासन मिल सके कि नागरिक स्वतंत्रता का फिर से हनन नहीं हो सकता।” हालांकि इस सीनियर बीजेपी लीडर ने ये भा कहा कि यह कोई आसानी से नहीं कर सकता… लेकिन यह फिर भी यह असंभव नहीं है। उन्होंने कहा, “मैं यह नहीं कहना चाहता कि मूल अधिकारों और स्वतंत्रता में फिर से कटौती कर दी गई है।”
विरोधियों ने साधा मोदी सरकार पर निशाना
आडवाणी के इस इंटरव्यू के सामने आने के बाद विरोधियों को बीजेपी और नरेंद्र मोदी पर निशाना साधने का मौका मिल गया है। ‘आप’ नेता आशुतोष ने कहा है कि आडवाणी का इंटरव्यू मोदी की राजनीति पर पहला कलंक है। वह कह रहे हैं मोदी के नेतृत्व में लोकतंत्र सुरक्षित नहीं है, आपाताकाल ज्यादा दूर नहीं है। एक ट्वीट में आशुतोष ने कहा है कि जब मोदी को पीएम कैंडिडेट बनाया जा रहा था तो आडवाणी ने अपने ब्लॉग में मुसोलिन और हिटलर का जिक्र किया था। आडवाणी ने उस वक्त कहा था कि बीजेपी मुखर्जी, अटल, दीन दयाल उपाध्याय के आदर्शों से दूर हट गई है।