पटना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज भागलपुर में आखिरी परिवर्तन रैली को संबोधित करेंगे। महागठबंधन की स्वाभिमान रैली के बाद इस आयोजन ने लोगों की दिलचस्पी बढ़ा दी है। उम्मीद की जा रही है कि नमो विरोधियों पर सियासी हमला करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।

उल्लेखनीय है कि बिहार में विधानसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा ने चुनाव कार्यक्रमों की घोषणा से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चार इलाकों में चार बड़ी रैलियां करने की योजना बनाई। इनका नाम परिवर्तन रैली दिया गया।

पहली रैली 25 जुलाई को मुजफ्फरपुर में हुई। पहली रैली में नमो ने कोसी त्रासदी के समय बाढ़ पीड़ितों की सहायता में गुजरात सरकार से भेजी गई पांच करोड़ की राशि को लौटाने का मामला उठाया।

इसके अलावा भाजपा राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में भोज पर बुलाकर बाद में इसे रद करने के अपमान के साथ-साथ दलित समुदाय से आने वाले जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाकर उन्हें अपमानित कर हटा दिए जाने का उल्लेख करते हुए नीतीश कुमार के डीएनए पर ही सवाल उठा दिया।

नौ अगस्त को गया की परिवर्तन रैली में प्रधानमंत्री ने नीतीश कुमार के जहर पीकर लालू प्रसाद से गठबंधन करने के बयान पर कटाक्ष करते हुए उनको चंदन कुमार और लालू प्रसाद को भुजंग प्रसाद कह दिया।

सहरसा में 18 अगस्त को अपनी तीसरी परिवर्तन रैली से कुछ घंटे पहले आरा में कई परियोजनाओं का शिलान्यास करते हुए प्रधानमंत्री ने बिहार को सवा लाख करोड़ का विशेष पैकेज और राज्य में पहले से चल रही केंद्रीय परियोजनाओं के लिए अलग से 40 हजार करोड़ यानी कुल एक लाख 65 हजार करोड़ का पैकेज देने की घोषणा कर दी। मोदी को जवाब देने के लिए ही महागठबंधन ने 30 अगस्त को स्वाभिमान रैली का आयोजन किया था।