बिजली कटौती से बढ़ी किसानों की मुश्किलें
रायपुर। छत्तीसगढ़ में बारिश नहीं होने के कारण किसान पहले से ही परेशान हैं, अब बिजली कटौती ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी है। बारिश नहीं होने के कारण प्रदेश में बिजली की खपत 4400 मेगावॉट तक पहुंच गई है, जबकि उत्पादन 3800 मेगावॉट ही हो रहा है। इसके कारण बिजली विभाग ने किसानों के लिए बनाए गए अटल ज्योति फीडर में कटौती शुरू कर दी है। कटौती रोजाना छह से आठ घंटे हो रही है, जिसके कारण किसानों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। नहरों में पानी सूखने के बाद अब किसान पंपों से खेतों को सींचने मजबूर हो गए हैं।
प्रदेश में इस बार किसानों को सिंचाई के लिए 48 हजार से ज्यादा अस्थाई कनेक्शन बांटे गए हैं। सीएसपीडीसीएल के अधिकारियों ने बताया कि पिछले दस साल में पहली बार बारिश के समय बिजली की मांग इतनी बढ़ी है। पिछले सप्ताह सोमवार से लेकर शुक्रवार तक प्रदेश में बिजली की मांग 4000 से 4400 मेगावॉट तक रही।
अधिकारियों ने बताया कि बाहरी प्रदेशों और बैंकिंग के माध्यम से बिजली की खरीदी करने के बाद भी आपूर्ति नहीं हो पा रही है। इसके कारण सेक्टर के आधार पर कटौती की जा रही है। बिजली की बढ़ी मांग को देखते हुए विभाग ने विद्युत नियामक बोर्ड से बिजली कटौती की अनुमति मांगी थी, जो स्वीकृत हो गई है। अब विभाग 14 सेक्टर में बिजली की कटौती कर रहा है, जिसमें चार उद्योग के और 10 ग्रामीण क्षेत्र के सेक्टर हैं।
फेल हो रहा डिमांड साइट मैनेजमेंट
किसानों को बिजली देने के लिए कंपनी की ओर से डिमांड साइट मैनेजमेंट किया जा रहा है, इसके बावजूद उन्हें बिजली की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। डिमांड साइट मैनेजमेंट के तहत दूसरे क्षेत्र की कटौती करके किसानों को बिजली उपलब्ध कराई जाती है। लेकिन प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में अघोषित तौर पर रोजाना छह से आठ घंटे कटौती हो रही है।
दूसरे राज्यों से भी नहीं मिल रही बिजली
सीएसपीडीसीएल के अधिकारियों ने बताया कि देश के अन्य राज्यों में भी बिजली की खपत बढ़ गई है। इसके कारण अन्य प्रदेशों से बिजली की खरीदी करने में दिक्कत आ रही है। मध्यप्रदेश और हिमाचल प्रदेश से बिजली खरीदने में दिक्कत आ रही है। वहीं, किसानों को 24 घंटे बिजली देने के लिए मंत्री, विधायक व जनप्रतिनिधि भी दबाव बना रहे हैं।
प्रदेश में बारिश नहीं होने के कारण सितंबर के पहले सप्ताह में बिजली की जबर्दस्त डिमांड बढ़ी है। इस सप्ताह 4400 मेगावॉट तक मांग पहुंच गई, जिसके कारण कई सेक्टर में बिजली की कटौती करनी पड़ी। देश के अन्य प्रदेशों में भी बारिश नहीं हुई है, जिसके कारण उन प्रदेशों में भी बिजली की मांग बढ़ी है।