इंदौर। विश्‍वप्रसिद्ध खजराना गणेश की मूर्ति हर साल बढ़ते जा रही है। 1735 में जब मूर्ति की स्‍थापना हुई थी तब यह तीन फीट लंबी और सवा दो फीट चौड़ी थी। लेकिन अब इसक ऊंचाई 6 फीट और चौड़ाई 5 फीट के करीब हो गई है।

मंदिर के मुख्‍य पुजारी की माने तो हर साल मूर्ति एक सेंटीमीटर बढ़ रही हैं। दरअसल यहां भगवान गणेश की मूर्ति पर चोला चढ़ाने की परंपरा है, इसी वजह से इनका आकार बढ़ रहा है।

जब यहां भगवान गणेश की मूर्ति की स्‍थापना की गई थी, तब इनके साथ रिद्धि-सिद्धि की प्रतिमा की भी थीं। लेकिन चोला चढ़ाने की वजह से भगवान गणेश की मूर्ति का आकार बढ़ने लगा और रिद्धि-सिद्धि की प्रतिमा उनके साथ छिप गईं। अब भी मूल मूर्ति में रिद्धि-सिद्धि की आंखें नजर आती हैं।

सपने में आकर भगवान ने दिए थे दर्शन

माना जाता है कि 1735 में पंडित मंगल भट्ट को सपने में भगवान ने दर्शन दिए थे। तब उन्‍हें यह पता चला था कि यहां गणेश प्रतिमा है। इसी दौरान होलकर राघराने की महारानी अहिल्‍या बाई होलकर को भी सपने में भगवान ने दर्शन देकर यहां मंदिर बनवाने के लिए कहा।

तब अहिल्‍या बाई ने यहां खुदाई कराई तो उसमें से काले पाषाण की गणेश प्रतिमा निकली। तभी यहां भगवान गणेश की प्राण प्रतिष्‍ठा कराई गई। खुदाई के दौरान इलाके में बड़ा गड्ढा बन गया, जिसे बावड़ी बनाया गया। यह बावड़ी आज भी है।