यूपी के अमरोहा जिले में एक ही परिवार के सात सदस्यों की हत्या के मामले में आरोपियों के खिलाफ स्थानीय कोर्ट ने डेथ वॉरंट जारी कर दिया है। मामले में दोषी करार दिए गए आरोपी प्रेमी युगल शबनम और सलीम को फांसी पर लटकाने के लिए सीनियर जेल सुपरिंटेंडेट को अधिकृत किया गया है।
अप्रैल 2008 में शबनम ने अपने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर मां-बाप समेत घर के सात सदस्यों को कुल्हाड़ी से काट डाला था। दोनों फिलहाल जिला जेल में बंद हैं।
 
वारदात 14/15 अप्रैल 2008 को हुई थी। अमरोहा जिले के हसनपुर कस्बे से सटे गांव बावनखेड़ी में रात में अपने घर में सो रहे सात लोगों को कुल्हाड़ी से काट डाला गया था। हत्या का आरोप शिक्षामित्र शबनम पर लगा। पुलिस के मुताबिक, शबनम ने अपने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर पिता मास्टर शौकत, मां हाशमी, भाई अनीस व राशिद, भाभी अंजुम, सात महीने के भतीजे अर्श और फुफेरी बहन राबिया की हत्या की।
5 जुलाई 2010 को अमरोहा के तत्कालीन जिला जज एए हुसैनी ने शबनम और सलीम को फांसी की सजा सुनाई थी। इसके बाद, सजा को हाईकोर्ट ने भी बरकार रखा। आरोपियों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी बीते 15 मई को फांसी की सजा बरकरार रखी। गुरुवार को अमरोहा के जिला एवं सत्र न्यायाधीश एके पाठक ने दोनों का डेथ वॉरंट जारी किया। दोनों की ओर से राज्यपाल या राष्ट्रपति के पास कोई दया याचिका लंबित नहीं है।
जेल के अफसरों ने बताया कि गुरुवार रात करीब पौने आठ बजे डेथ वॉरंट मिलने के बाद शबनम को बुलाया गया। जेलर ने उसे डेथ वॉरंट पढ़ने और उस पर साइन करने को कहा। डेथ वॉरंट पढ़ते-पढ़ते शबनम की आंखों में आंसू आ गए और वह बिलखने लगी। उसने रात का खाना भी नहीं खाया। हालांकि, अफसरों ने उसे समझाया कि अभी फांसी की तारीख तय नहीं हुई है। उसके पास दया याचिका डालने का विकल्प अभी बचा है।