प्रदेश सूखे की चपेट में और विधायक मांग रहे 1 लाख का वेतन
भोपाल। प्रदेश सूखे की चपेट में है, सीएम चर्चा पर चर्चा क रहे हैं, अफसर समीक्षा में लगे हैं और किसान आत्महत्या का आंकड़ा कम होने का नाम नहीं ले रहा है। ऐसे में प्रदेश के विधायकों को अपना 71 हजार रुपए मासिक वेतन भी कम लग रहा है और अब वे 1 लाख रुपए महीने का मासिक वेतन मांग रहे हैं। यह मांग दिल्ली मेंं विधायकों के वेतन में चार गुना वृद्धि के बाद और ज्यादा तेज हो गई है।
विधानसभा समिति भी पक्ष में
विधानसभा समिति ने विधायकों के वेतन-भत्ते 71 हजार से रुपए से बढ़ाकर एक लाख रुपए की अनुशंसा की है। राज्य में सूखे की स्थिति को देखते हुए सरकार ने इस पर कोई फैसला नहीं किया है। निर्णय मुख्यमंत्री को लेना है। सीएम की हरी झंडी के बाद कैबिनेट की मोहर और फिर विधानसभा में संशोधन विधेयक लाया जाएगा।
13 साल में 90 हजार बढ़ जाएगी पगार
13 साल पहले यानी वर्ष 2001 तक विधायकों को कुल 10 हजार रुपए वेतन मिलता था। इसमें सभी वेतन-भत्ते शामिल थे। इसके बाद 25 हजार और फिर 35 हजार रुपए वेतन किया गया। फिर 50 हजार 250 और अब 71 हजार रुपए वेतन विधायकों को मिल रहा है। उनकी मांग है कि इसे बढ़ाकर एक लाख रुपए किया जाए।
यह है प्रस्तावित फार्मूला
कमेटी ने प्रस्ताव दिया है कि विधायकों के वेतन को महंगाई भत्ता (डीए) से जोड़ दिया जाए। अधिकारी-कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढऩे के साथ ही उनका भी वेतन बढ़ जाएगा। एेसे में बार-बार वेतन बढ़ाने के लिए कमेटी गठित करने और सरकार तक फाइल भेजने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
इनका कहना है
समिति ने अपनी रिपोर्ट स्पीकर को सौंप दी है। विधायकों का वेतन डीए से जुड़ जाएगा, तो अधिकारी-कर्मचारियों के साथ उनका वेतन भी बढ़ जाएगा।