भोपाल। सबको घर देने के लिए राज्य सरकार आवास गारंटी कानून बना रही है। इसके अनुसार वर्ष 2022 तक हर किसी के पास खुद का घर होगा। इस अवधि के बाद मप्र में एक भी परिवार ऐसा नहीं होगा जिसके पास खुद की छत न हो। यदि किसी कारण से सरकार तय सीमा में आवास नहीं दे पाती है या आवास देने में देरी होती है, तो संबंधित व्यक्ति को आवास मिलने तक बाजार दर से न्यूनतम किराया दिया जाएगा। इस संबंध में आवास गारंटी कानून का मसौदा तैयार हो गया है। जल्द ही सरकार अध्यादेश लाकर इसे कानून का रूप देगी।

संभावना है कि आवास गारंटी योजना की शुरुआत मप्र स्थापना दिवस पर एक नवंबर से की जाए। सबको आवास गारंटी देने का कानून बनाने वाला मप्र देश का पहला राज्य होगा। प्रस्तावित मसौदे के अनुसार राज्य सरकार शहरों में 450 वर्ग फीट का फ्लैट और गांवों में 600 वर्गफीट का प्लॉट देगी।

फ्लैट और प्लॉट लेने के लिए हर व्यक्ति पात्र होगा जिसका प्रदेश में अपना कोई मकान नहीं है। वहीं झुग्गियों में रहने वालों को भी सरकार फ्लैट बनाकर देगी। गांवों में आबादी क्षेत्र में सरकारी जमीन न होने पर सरकार निजी जमीन खरीदकर प्लॉट देगी, जिस पर ग्रामीण अपना कच्चा आवास बना सकेंगे।

मुफ्त में नहीं मिलेगा

सरकार किसी भी आवासहीन को फ्लैट या प्लॉट मुफ्त में नहीं देगी। योजना में यह रियायती दर पर दिया जाएगा, इसके लिए सरकार बैंक से खुद कर्ज भी दिलाएगी। जिसे हितग्राही आसान किश्तों में कम ब्याज पर आसानी से चुका सकेंगे।

मिलेगा यूनिक नंबर

आवास के लिए आवेदन देने वालों को एक यूनिक नंबर दिया जाएगा। जैसे-जैसे फ्लैट बनते जाएंगे या प्लॉट तैयार होंगे, वैसे-वैसे आवंटन किया जाएगा। शहरी क्षेत्र में नगर निगम और ग्रामीण क्षेत्र में पंचायत विभाग की कमेटी आवास का आवेदन लेगी।

अरुणा शर्मा समिति ने तैयार किया मसौदा

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ये कानून बनाने की जिम्मेदारी पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की अपर मुख्य सचिव अरुणा शर्मा को सौंपी थी। इनकी टीम में प्रमुख सचिव विधि विरेंद्र कुमार, प्रमुख सचिव राजस्व केके सिंह, प्रमुख सचिव आवास एवं नगरीय प्रशासन मलय श्रीवास्तव, मप्र सड़क विकास प्राधिकरण के सीईओ मनीष रस्तोगी, पंचायतराज संचालनालय आयुक्त रघुवीर श्रीवास्तव और नगरीय प्रशासन आयुक्त विवेक अग्रवाल शामिल हैं।

सभी योजनाओं का एक फंड

सबको आवास देने के लिए राज्य सरकार अलग-अलग चल रही योजनाओं को इस कानून में लाकर एक फंड बनाएगी। इसमें इंदिरा आवास योजना, जेएनएनयूआरएम, मुख्यमंत्री आवास योजना, अटल आश्रय योजना एवं श्रमिक कल्याण योजना शामिल है। इसके अलावा अल्पसंख्यक कल्याण, एससी-एसटी कल्याण, मनरेगा और बुंदेलखंड पैकेज में मिलने वाली राशि को भी आवास देने की योजना में खर्च किया जाएगा।

हमारा ड्रॉफ्ट तैयार है

सबको आवास की गांरटी वाले कानून का हमने ड्रॉफ्ट तैयार कर लिया है। अगली बैठक में इसे अंतिम रूप देंगे। हमारे सोशल इकॉनामिक एंड कास्ट सेंसस 2011 के अनुसार शहरों में एक लाख और गांव में 30 हजार परिवार ऐसे हैं जिनके पास खुद की छत नहीं है। इसके अलावा गांवों में कच्चे घरों में और शहरों में झुग्गियों में रहने वाले परिवार अलग हैं। यह कानून सबको अपना घर देने की गारंटी देगा।