मंदसौर: सीतामऊ

प्रदेश के सभी विश्वविद्यालय में होने वोले दीक्षांत समारोह भारतीय वेशभूषा में ही होंगे। गाउन पहन डिग्री लेने की परंपरा अंग्रेजों की है। हमारी सरकार यह परंपरा नहीं अपनाएगी।

यह बात प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री जयभानसिंह पवैया ने कही। वे शनिवार को सीतामऊ नगर स्थित नटनागर शोध संस्थान द्वारा आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी के शुभारंभ पर बोल रहे थे। पवैया ने इतिहास पर आधारित तीन नई पुस्तकों का लोकर्पण किया। संस्थान की ओर से सचिव डॉ. मनोहरसिंह राणावत को डॉ. रघुवीर सिंह राष्ट्रीय इतिहास का सम्मान दिया। पवैया ने कहा कि शोध संस्थाओं को संरक्षण दिया जाएगा। मप्र सरकार शोध संस्थानों के विकास के लिए हरसंभव मदद प्रदान करेगी। यह संस्था देश का गौरव है। सुवासरा विधायक डंग ने कहा कि इस संस्थान का विस्तार बेहद जरूरी है, क्योंकि यह मंदसौर की पहचान है। इसे राष्ट्रीय संस्थान बनाना है, क्योंकि यह काशी से कश्मीर तक इतिहास के शोधार्थियों को जोड़ता है। बाउंड्रीवॉल निर्माण के लिए विधायक निधि से एक लाख देने की घोषणा की।

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पाकिस्तान में भारत के पूर्व उच्चायुक्त टीसीए राघवन ने कहा कि पिछले 10-12 सालों में संस्था को अधिक आर्थिक ऊर्जा मिली है। संस्थान मालवा की समृद्ध सांस्कृतिक परम्परा का पोषक है। संस्थान अध्यक्ष पुरंजयसिंह राठौर ने बताया कि इस संस्थान में करीब 6 हजार से अधिक पांडुलिपियां हैं। संस्थान में समाज की विभिन्न कलाओं का प्राचीन साहित्य सहेज कर रखा गया है। संस्थान की यह 21वीं शोध संगोष्ठी है। संस्थान सचिव मनोहर सिंह राणावत ने बताया कि संगोष्ठी में 150 से अधिक शोधार्थी भाग ले रहे हैं।

हॉल का लोकार्पण किया

संगोष्ठी शुभारंभ से पहले उच्च शिक्षा ने संस्थान परिसर में सांसद निधि से बने हॉल का लोकार्पण किया गया। हॉल निर्माण के लिए राज्यसभा सांसद मेघराज जैन ने 5 लाख रुपए एवं क्षेत्रीय विधायक हरदीप सिंह डंग ने 1.5 लाख दिए थे।