पीएम मोदी ने नीतीश-लालू से मांगा 25 सालों का हिसाब
भागलपुर। बिहार में चुनाव की विधिवत घोषणा होने में भले कुछ दिन की देरी हो, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को भागलपुर के हवाई अड्डा मैदान में अपनी चौथी और आखिरी परिवर्तन रैली में विकास को चुनावी एजेंडा घोषित कर दिया।
उन्होंने कहा, मैदान में उतरने से पहले हम चुनाव जीत गए, क्योंकि 25 साल तक बिहार का सत्यानाश करने वाले भी विकास की बात करने को मजबूर हो गए हैं, चुनाव विकास के मुद्दे पर ही लड़ा जाएगा। यह चुनाव बिहार में सरकार बनाने के लिए हो रहा है। 25 साल से जो लोग सत्ता में रहे, वे जनता को हिसाब देने को तैयार नहीं हैं, उल्टे मोदी से हिसाब मांग रहे हैं। नीतीश कुमार और लालू यादव को हर हाल में 25 साल का हिसाब देना होगा।
चारे में जाएगा 1.06 लाख करोड़?
प्रधानमंत्री ने कहा कि 14वें वित्त आयोग ने कहा है कि अगले पांच साल में बिहार को तीन लाख 76 हजार करोड़ रुपये केंद्र से मिलेंगे। ये 1.65 लाख करोड़ के मेरे पैकेज से अलग हैं। अपना कुछ नहीं, दिल्ली से आने वाले पैसे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2.74 लाख करोड़ का पैकेज घोषित किया है, अब इन लोगों से पूछना चाहिए कि बचा हुआ 1.06 लाख करोड़ रुपया कहां जाएगा? क्या यह पैसा चारे के लिए लगाया जाएगा?
2019 में पाई-पाई का हिसाब दूंगा
मोदी ने कहा कि मुझसे अपने वादों का हिसाब मांगा जा रहा है। 2019 का जब लोकसभा चुनाव होगा तो मैं फिर से आप लोगों के बीच आऊंगा और अपने पांच साल के काम और पाई-पाई का हिसाब दूंगा। लेकिन राज्य में जो सत्ता में बैठे हैं उन्हें भी अपने 25 साल के काले-कारनामों का हिसाब देना चाहिए।
तिलांजलि सभा थी स्वाभिमान रैली
प्रधानमंत्री ने दो दिन पहले पटना के गांधी मैदान में हुई महागठबंधन (जदयू-राजद-कांग्रेस गठबंधन) की स्वाभिमान रैली को तिलांजलि सभा का नाम दिया। मोदी ने कहा कि इन लोगों ने राम मनोहर लोहिया, जयप्रकाश नारायण और कर्पूरी ठाकुर को तिलांजलि दे दी। लोहिया और उनके शिष्य देश को बचाने के लिए जिंदगी भर कांग्रेस के खिलाफ लड़ते रहे, लेकिन उन्हीं के चेले सत्ता स्वार्थ के लिए कांग्रेस से मिल गए। अब चुनाव में इनके खिलाफ वोट डालकर बिहार के लोग इन्हें तिलांजलि देंगे।
महागठबंधन पर भी चढ़ा मोदी का भूत
प्रधानमंत्री ने कहा गांधी मैदान की रैली में एक से बढ़कर एक लोग शरीक हुए। उम्मीद थी वहां लोग बिहार के विकास का मुद्दा तय करेंगे, लेकिन कोई मुद्दा तय नहीं हुआ। सबका एक ही लक्ष्य था मोदी, मोदी, मोदी….। जहां जाता हूं उत्साही लोग मोदी-मोदी चिल्लाते हैं। इन पर मेरा ऐसा भूत चढ़ा है कि अब ये लोग भी मोदी -मोदी चिल्लाने लगे हैं।
बिहार के लोग सबसे बुद्धिमान
नरेंद्र मोदी ने पिछली सभा में नीतीश कुमार के डीएनए पर सवाल उठाया था। इसे नीतीश ने बिहार का अपमान बताते हुए माफी की मांग की थी। भागलपुर की रैली में मोदी ने माफी तो नहीं मांगी, लेकिन बिहार के लोगों को सबसे बुद्धिमान बताकर सफाई दे दी।
पहली बार विकास के लिए वोट
परिवर्तन रैली में रिकॉर्डतोड़ भीड़ उमड़ी। भीड़ का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान को सभास्थल पर पहुंचने से पहले दो घंटे जाम में फंसे रहना पड़ा। गदगद प्रधानमंत्री ने भीड़ की ओर इशारा कर कहा, राजनीतिक पंडितों देख लो, लोग किसे वोट करने वाले हैं। 25 साल बाद जनता विकास के लिए वोट देने वाली है।