वाशिंगटन। एक ताजा सर्वे में पता चला कि नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता में बीते साल सरकार बनने के बाद से इजाफा हुआ है। बीते दिनों में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को संसद व सड़क पर विपक्ष का भारी विरोध झेलना पड़ा है, लेकिन इसके बावजूद भी उनकी लोकप्रियता में कोई गिरावट नहीं आई।

प्यू रिसर्च फाउंडेशन द्वारा गुरुवार को जारी एक सर्वे के अनुसार, पीएम मोदी की लोकप्रियता की रेटिंग 87 फीसद तक पहुंच गई। फाउंडेशन ने यह रिसर्च भारत में 6 अप्रैल से 19 मई 2015 के बीच करवाया था। इस दौरान 2452 लोगों से बातचीत की गई। इसके अनुसार, मोदी ने अपनी नीतियों व शासन से न केवल देश में भारतीयों का मान बढ़ाया है बल्कि उनकी लोकप्रियता की रेटिंग बढ़कर 87 फीसद हो गई है।

सर्वे के अनुसार, मोदी को परंपरागत कांग्रेसी आधार वाले क्षेत्रों से भी समर्थन मिल रहा है। हालांकि, प्यू ने बयान में कहा है कि मोदी ने भारत में परंपरागत दलीय राजनीति को आगे बढ़ाया है। पीएम मोदी व उनके दल को देश के सामने मौजूद अधिकांश चुनौतियों पर विपक्षी कांग्रेस के समर्थकों से भी समर्थन मिल रहा है।

सर्वे में हालांकि अभी विश्वास बहाली की जरूरत पर बल दिया गया है। इसके पीछे कारण यह हो सकता है कि भाजपा के शासनकाल में 2015 के पहले पांच माह में 2014 की इसी अवधि की तुलना में तकरीबन एक-चौथाई सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं में इजाफा हुआ है। आपके बता दें कि 2014 में इस अवधि के दौरान कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए की सरकार थी।

घरेलू मुद्दों में मोदी को सबसे कम स्वीकृति सांप्रदायिक संबंधों यानी बहुसंख्यक हिंदुओं और अल्पसंख्यक मुस्लिमों, जैनों, सिखों और ईसाइयों आदि के बीच दिन प्रतिदिन के संवाद और देश में अनेक जातियों के बीच रिश्तों पर उनके प्रबंधन को लेकर मिली है।