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नोटबंदी के ढाई साल बाद पुलिस ने यहां चौंकाने वाले मामले में 500 और 1,000 रुपये के कुल 73.15 लाख रुपये के विमुद्रीकृत नोटों के साथ दो लोगों को पकड़ा है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) शैलेन्द्र सिंह चौहान ने रविवार को बताया कि एमआर-9 रोड के पास वाहनों की तलाशी के दौरान शनिवार रात एक स्कूटर को रोका गया। इस वाहन पर सवार ऋषि रायसिंह (23) और सावन मेवाती (26) के पास एक बैग मिला। इस बैग में 1,000-1,000 रुपये के 4,574 बंद नोट और 500-500 रुपये के 5,482 बंद नोट रखे थे।

चौहान ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में शामिल ऋषि मध्यप्रदेश के शाजापुर जिले के शुजालपुर कस्बे में पान की दुकान चलाता है, जबकि मेवाती इंदौर नगर निगम का सफाई कर्मी है। उन्होंने बताया कि बंद मुद्रा ऋषि द्वारा शुजालपुर से इंदौर लायी गयी थी। वह मेवाती के साथ इसे 30 प्रतिशत कमीशन के आधार पर फिलहाल चल रही वैध मुद्रा से बदलवाने ले जा रहा था। उस व्यक्ति की तलाश की जा रही है जो यह अदला-बदली करने वाला था।

बहरहाल, यह कोई पहला मामला नहीं है, जब यहां बंद नोटों की बड़ी खेप पकड़ी गयी हो। पुलिस ने यहां अगस्त 2018 में 500 और 1,000 रुपये के लगभग एक करोड़ रुपये के विमुद्रीकृत नोटों के साथ तीन लोगों को धर दबोचा था। कानून प्रवर्तन एजेंसियां अब तक इस बात का खुलासा नहीं कर सकी हैं कि 500 और 1,000 रुपये के बंद नोटों को नये नोटों से बदलने के गोरखधंधे में कौन लोग शामिल हैं और वे बंद नोटों को किस तरह खपाते हैं?

एएसपी ने कहा, “हम विस्तृत जांच के जरिये इन सवालों के जवाब खोजने की कोशिश कर रहे हैं।” गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर 2016 को 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोट बंद किये जाने की घोषणा की थी।