एक पाकिस्तानी शिक्षक ने बुधवार को इस्लामाबाद स्थित आतंकवाद निरोधक अदालत में सनसनीखेज खुलासा किया। पाकिस्तान के पंजाब के ओकारा जिले के देपालपुर तहसील के फरीदकोट स्थित एक प्राथमिकी विद्यालय के शिक्षक ने बताया कि अजमल कसाब जिंदा है। उसने कहा कि जिस अजमल को उसने पढ़ाया है, उसे भारत में 26/11 के मुंबई धमाकों के आरोप में फांसी नहीं हुई है।

मुंबई हमले की सुनवाई कर रही अदालत में शिक्षक ने कहा कि उसने अजमल को पढ़ाया था, लेकिन उसे नहीं जिसे भारत में फांसी दी गई। शिक्षक ने कहा कि जिस कसाब को फांसी हुई उसका दाखिला इस विद्यालय में नहीं हुआ था। शिक्षक ने इसके साथ ही छात्र का विद्यालय रिकॉर्ड भी पेश किया।

मुंबई हमला मुकदमे में शिक्षक अभियोजन पक्ष का गवाह था। नवंबर 2008 में हुए इस हमले में 166 लोग मारे गए थे। कसाब के बयान का अंग्रेजी में अनुवाद करने वाले पंजाब की एनएएमएएल विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के प्रमुख भी अदालत में पेश हुए। हालांकि वे अनुवाद प्रस्तुत नहीं कर सके क्योंकि बचाव पक्ष ने यह कहते हुए आपत्तिजताई कि कसाब के बयान को अभी मामले का हिस्सा बनाना बाकी है। इसके बाद अदालत ने मामले की सुनवाई 14 मई तक के लिए स्थगित कर दी।