इंदौर के छोटी ग्वालटोली थाने में सब इंस्पेक्टर परवीन अपने दोस्त के साथ एक कांस्टेबल को पकड़कर लाई और खुद को पुलिस लाइन में पदस्थ बताकर सब कांस्टेबल पर बीच सड़क में छेड़छाड़ करने की रिपोर्ट लिखाई. थाने में हड़कंप मच गया.

थाने के दूसरे सब इंस्पेक्टर भी परवीन की जी हुजूरी में लग गए. रात एक घंटे तक मैडम ने थाने में सभी पर जमकर रौब झाड़ा और फिर चलती बनी. दूसरे दिन रविवार दोपहर जब थाना प्रभारी ने सब इंस्पेक्टर परवीन को थाने बुलवाया तो उसकी पोल खुल गई. वर्दी में थाने पहुंचकर परवीन ने थानेदार को सेल्यूट मारने कि जगह नमस्ते कर दिया. मैडम के कंधे पर लगे सितारे भी आपस में टकरा रहे थे.

थानेदार को शक हुआ. उसने मैडम से सीनियर अधिकारियों के नाम पूछे तो मैडम गच्चा खा गई. डांटने पर रोने की एक्टिंग करने लगी. सख्ती से पूछताछ करने पर मैडम ने कबूल किया कि वह नकली इंस्पेक्टर है और उज्जैन में रहती है. पिछले छह महीनों से इंदौर में वर्दी पहन कर रौब झाड़ रही थी. साथ ही यह भी सफाई दी कि पिता चाहते थे पुलिस में जाये लेकिन फेल होने पर अपनी इच्छा पूरी करने के लिए नकली वर्दी खरीद कर पहनी. पुलिस ने परवीन के खिलाफ मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया है और जांच कर रही है कि परवीन ने नकली पुलिस बनकर कितने अपराध किये हैं.

परवीन ने रोते हुए कहा ‘सर मेरे पापा-मम्मी को मत बताना. वो मर जायेंगे. मैं उज्जैन में रहती हूं. मैंने पापा को बोला है कि मेरी पुलिस में नौकरी लग गई है. मैंने बीए किया है.