नीतीश ने ली शपथ, 10 साल बाद सत्ता में लौटा लालू परिवार
पटना। पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान पर नीतीश कुमार पांचवी बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। राज्यपाल रामनाथ कोविंद उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। लालू के दोनों बेटों तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव ने भी शपथ ली। इसके साथ ही दस साल बाद लालू परिवार सत्ता में लौटा।
इन दोनों के बाद अब्दुल बारी सिद्दीकी ने मंत्री पद की शपथ ली, बारी को मंत्रिमंडल में शामिल करने को लेकर काफी उठापटक चल रही थी। उनके बाद सुपोल से विधायक विजेंद्र प्रसाद यादव शपथ लेने आए।
इससे पहले शपथ ग्रहण में शामिल होने के लिए जहां लालू यादव का परिवार गांधी मैदान पहुंचा। वहीं फारुख अब्दुला और उमर अब्दुल्ला, दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित, ममता बेनर्जी, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी भी मौजूद रहे।
नीतीश की महाजीत के हीरो रहे प्रशांत किशोर भी नीतीश के साथ शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने पहुंचे। मंच पर जहां लालू और नीतीश एक दूसरे से गले मिले वहीं लालू प्रसाद के पुत्र तेजस्वी यादव व तेज प्रताप यादव ने नीतीश कुमार का पैर छूकर प्रणाम किया। लालू की ओर से इसे नीतीश को शिखर पर रखने के संकेत की रणनीति बताई जा रही है।
मुख्यमंत्री के रूप में नीतीश की यह पांचवीं पारी होगी वहीं न्यूज चैनल्स की सूत्रों के हवाले से खबर के अनुसार राजद प्रमुख लालू यादव के दोनों बेटे तेजस्वी और तेज प्रताप भी मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं।
जहां तेजस्वी यादव की दावेदारी उपमुख्यमंत्री पद के लिए बताई जा रही है वहीं कहा जा रहा है कि तेज प्रताप को भी कोई महत्वपूर्ण विभाग दिया जा सकता है।
खबरों की माने तो नीतीश के मंत्रिमंडल में 12 मंत्री जदयू के 12 मंत्री राजद के और कांग्रेस के चार मंत्री होंगे।
जो बन सकते हैं मंत्री
राजद से : तेजस्वी यादव, तेज प्रताप, अब्दुल बारी सिद्दीकी, मुंद्रिका सिंह यादव, इलियास हुसैन, डॉ. रामचंद्र पूर्वे, आलोक मेहता, चंद्रिका राय, प्रेमा चौधरी, शिवचंद्र राम, रामानंद यादव, भाई वीरेंद्र, ललित यादव, चंद्रशेखर, अब्दुल गफूर, समता देवी, श्रीनारायण यादव, विजय प्रकाश।
जदयू से : विजय कुमार चौधरी, उदय नारायण चौधरी, विजेंद्र प्रसाद यादव, नरेंद्र नारायण यादव, श्याम रजक, लेसी सिंह, श्रवण कुमार, ललन सिंह, महेश्र्वर हजारी, विजय मिश्र व मेवालाल चौधरी।
कांग्रेस से : अशोक चौधरी, सदानंद सिंह, विजय शंकर दुबे, अवधेश कुमार सिंह, आफाक आलम, रामदेव राय और अमिता भूषण।
फिर नीतीश कुमार
पहली बार : 03 मार्च, 2000 से 10 मार्च, 2000 तक (सात दिनों के लिए मुख्यमंत्री बने। पर्याप्त बहुमत नहीं था, इसलिए इस्तीफा दे दिया।)
दूसरी बार : 24 नवंबर, 2005 से 24 नवंबर, 2010 तक (भाजपा के साथ मिलकर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई। पूरे पांच साल चली)
तीसरी बार : 26 नवंबर, 2010 से 17 मई, 2014 तक (भाजपा के साथ मिलकर फिर सरकार बनाई। लोकसभा चुनाव के पहले गठबंधन टूटा। पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद जीतनराम मांझी को कुर्सी सौंपकर खुद संगठन के काम में लगे।)
चौथी बार : 22 फरवरी, 2015 से अभी तक (मांझी के पलटने के बाद सत्ता की बागडोर खुद अपने हाथों में ली और बिहार विधानसभा चुनाव में गए, जिसमें ऐतिहासिक जीत हुई।)
पांचवी बार : 20 नवंबर, 2015 से फिर संभालेंगे सत्ता (राजद और कांग्र्रेस के साथ जदयू ने महागठबंधन बनाया और नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य में फिर नई सरकार का गठन।)