2 घंटे तक मिट्‌टी में दबे रहे मनीष को जेसीबी की मदद से बाहर निकाला गया।

देवास. सुपरवाइजर मनीष हमें पाइप से मिट्टी बाहर निकालने का काम देकर चला गया। मशीन से नीचे उतारा। मैं पाइप के अंदर था और तगारी में मिट्टी भर कर विनाेद और अरविंद काे दे रहा था। वे दूसरी तरफ मिट्टी डाल रहे थे। अचानक मिट्टी धंसी। विनाेद कहने लगे-अरे मिट्टी धंस रही है। इसके बाद उसकी आवाज बंद हाे गई और पाइप का मुंह मिट्टी से बंद हाे गया। अंधेरा छा गया। लगा कि अब बच नहीं पाऊंगा। हवा नहीं आ रही थी, जिससे घबराहट हाेने लगी। तभी जेसीबी मशीन की आवाज सुनी, ताे उम्मीद जागी। दाे घंटे तक पाइप में बैठा रहा। मिट्टी हटी तब बाहर आया। यह बात मृतक के साथी और दो घंटे तक मिट्‌टी में दबे रहे मनीष ने बताई।