भोपाल.: मध्य प्रदेश में राजधानी भोपाल में दुष्कर्म के बाद झाड़ियों में फेंकी गई तीन वर्षीय मासूम बालिका को अस्पताल में उपचार मिलने में हुई देरी के लिए जिम्मेदार चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. वहीं, महिला बाल विकास मंत्री अर्चना चिटनीस ने पीड़ित के परिजनों को आर्थिक मदद का देने का ऐलान किया है. सुल्तानिया अस्पताल में लड़की का इलाज जारी है और उसकी हालत में सुधार हो रहा है.

राजधानी के बरखेड़ी इलाके में अंडर ब्रिज के पास पतरा रेल लाइन के किनारे की झाड़ियों में बुधवार सुबह एक मासूम बालिका खून में लथपथ हालत में मिली थी. स्थानीय लोगों द्वारा डायल 100 और 108 को सूचना दिए जाने के बाद दोनों वाहन देर से पहुंचे. वहीं, मौके पर ऐशबाग थाना क्षेत्र और जहांगीराबाद के पुलिस जवान सीमा विवाद को लेकर उलझे रहे. परिणामस्वरूप घायल लड़की को पुलिस उपनिरीक्षक जितेंद्र चंदेलिया, महिलाओं के साथ ऑटो रिक्शा से लेकर अस्पताल पहुंचे थे.
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अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह चंदेल ने गुरुवार को बताया कि बालिका को उपचार के लिए अस्पताल ले जाने में लापरवाही बरतने वाले चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. महिला बाल विकास मंत्री चिटनीस ने गुरुवार को बताया कि बालिका की हालत में सुधार हो रहा है। उसके साथ दुष्कर्म होने की पुष्टि हुई है। उन्होंने अपने स्वेच्छा अनुदान मद से पीड़ित बालिका के माता-पिता को 20 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है.

 पुलिस के अनुसार, पीड़ित लड़की के माता-पिता उत्तर प्रदेश के महोबा से रोजगार की तलाश में भोपाल आए थे. उनका डेरा रेलवे स्टेशन पर ही था, जहां से यह मासूम लड़की गायब हुई थी और गंभीर हालत में बरखेड़ी की झाड़ियों में मिली थी.