नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मंगलवार देर रात सरकारी अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टरों की दो दिवसीय हड़ताल खत्म हो गई। स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने ट्वीट के जरिये यह जानकारी दी। इससे पहले दिन में हड़ताल वापस नहीं लेने पर दिल्ली सरकार ने डॉक्टरों के खिलाफ एस्मा लगा दिया था।

दिल्ली सरकार ने सोमवार को ही एलान कर दिया था कि अगर रेजिडेंट डॉक्टर मंगलवार सुबह 11 बजे तक काम पर नहीं लौटे तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। लेकिन सरकार के इस फरमान का डॉक्टरों पर कोई असर नहीं हुआ। हड़ताल के कारण लगातार दूसरे दिन राजधानी के तमाम बड़े सरकारी अस्पतालों में हालात खराब रहे। मरीज दर-दर भटकते रहे। लेकिन ओपीडी में किसी का इलाज नहीं हो पाया। हालांकि, इमरजेंसी सेवा हड़ताल से अप्रभावित रही।

सोमवार से ही दिल्ली के 25 सरकारी अस्पतालों के 15 हजार डॉक्टर हड़ताल पर हैं। इसमें नगर निगम, राज्य सरकार और केंद्र सरकार के अस्पतालों के डॉक्टर भी शामिल हैं। सोमवार को डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने के चंद घंटों बाद ही दिल्ली सरकार ने उन्हें मनाने की कोशिशें तेज कर दी थी। स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने डॉक्टरों की सभी 24 मांगें मान लेने की बात कही थी लेकिन डॉक्टर हड़ताल पर डटे रहे।

ये थीं डॉक्टरों की मांग

डॉक्टरों का कहना है कि दिल्ली के अस्पतालों में सुविधाओं की भारी कमी है। इससे मरीजों की समय पर जांच नहीं हो पा रही है। मरीजों को दवा नहीं मिल रही है, इमरजेंसी में इलाज की पूरी सुविधा नहीं मिल रही है। ऐसे में मरीजों का गुस्सा उन पर निकलता है। डॉक्टरों का कहना है कि सुविधाएं बेहतर की जाएं। डॉक्टर काम के घंटे निर्धारित करने और समय पर वेतन का भुगतान करने की भी मांग कर रहे हैं।

क्या है एस्मा

आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून (एस्मा) हड़ताल को रोकने के लिए लगाया जाता है। एस्मा लागू करने से पहले इससे प्रभावित होने वाले कर्मचारियों को किसी माध्यम से सूचित किया जाता है। अधिकतम छह महीने के लिए एस्मा लगाया जा सकता है। इसके लागू होने के बाद अगर कोई कर्मचारी हड़ताल पर जाता है तो वह अवैध और दंडनीय है। एस्मा लागू होने के बाद सरकार के आदेश को नहीं मानने पर संबंधित कर्मचारी को बिना वारंट के गिरफ्तार किया जा सकता है।

‘हमने केंद्र सरकार और नगर निगम को पत्र लिखकर उनसे रेजिडेंट डॉक्टरों की मांगें मान लेने की अपील की है। जब दिल्ली सरकार ने डॉक्टरों की मांगें मान ली हैं तो सरकार के अस्पतालों में हड़ताल का कोई मतलब नहीं है।सत्येंद्र जैन, स्वास्थ्य मंत्री