कैबिनेट बैठक में मंगलवार को मंत्रियों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से कहा कि तबादले की समय सीमा 31 मई तक बढ़ाई जानी चाहिए। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि 19 मई तक का समय बढ़ाया जा सकता है, क्योंकि इसके बाद 20 से 30 मई के बीच प्रधानमंत्री की तीन योजनाओं के लिए सभी मंत्रियों को अपने प्रभार वाले जिले व विधानसभा में जाना है।
इसमें ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ना है। इसलिए समय सीमा इतनी नहीं बढ़ाई जा सकती। तभी स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि डॉक्टरों के तबादलों के लिए एक माह का वक्त और लग सकता है, तो मुख्यमंत्री ने कहा-‘19 मई के बाद जो भी मामले हैं, उन्हें मुख्यमंत्री के समन्वय में भेज दीजिए।’ गौरतलब है कि तबादलों के लिए अभी तक अंतिम तिथि 15 मई रखी गई थी।
व्यावसायिक परीक्षा मंडल के नए स्वरूप, ढांचे और नाम का बदलाव अब अध्यादेश से नहीं होगा। इसके लिए सरकार जुलाई के संभावित सत्र में विधेयक लाएगी। कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘मप्र भर्ती एवं प्रवेश परीक्षा मंडल’ अध्यादेश लाने से जनता के बीच अच्छा मैसेज नहीं जाएगा। लोग सोचेंगे कि सरकार ने दबाव में ऐसा किया। विधेयक के रूप में इसे विधानसभा सत्र में लाएंगे। चर्चा कराकर उसे पास कराया जाए तो ठीक रहेगा। इस पर सभी मंत्री सहमत हो गए।
कैबिनेट के अन्य फैसले
>चिकित्सा शिक्षा विभाग में आयुक्त होंगे। इस पद पर आईएएस अधिकारी रहेंगे।
>भोपाल का 20 बिस्तर वाला कैलाशनाथ काटजू सिविल अस्पताल 100 बिस्तर वाले अस्पताल में अपग्रेड होगा।
भोपाल-बैरसिया-सिरोंज फोरलेन रोड के लिए राज्य सरकार नाबार्ड से कर्ज लेने जा रही है। इसके साथ ही अन्य सड़कों का भी निर्माण होगा। इनमें सेंधवा-खेतिया, सारंगपुर-अकोदिया-शुजालपुर, जबलपुर-पाटन-शाहपुरा, मुरैना-सबलगढ़, सतना-चित्रकूट, नागदा-धार-गुजरी और नीमच-मनासा सहित अन्य शामिल हैं।कुल 2000 करोड़ रुपए का यह कर्ज 10 फीसदी ब्याज पर नाबार्ड से लेने के लिए कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। लोन मप्र रोड डेवलपमेंट कार्पोरेशन के माध्यम से लिया जाएगा, जिसकी गारंटी राज्य सरकार देगी।
मुख्यमंत्री चौहान ने मंत्रियों से कहा कि फोन पर बात करते समय सावधानी रखें। लोगों को जानने-पहचानने के बाद ही खुलकर बात करें। कोई भी आपको फंसा सकता है। चरित्रहनन की भी कोशिश हो सकती है। उन्होंने यह बात मंगलवार को कैबिनेट बैठक के बाद मंत्रियों से अनौपचारिक चर्चा के दौरान कही। यह कहने से पहले उन्होंने कक्ष से वेटर को भी बाहर जाने के लिए कहा। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री इस बात को कहते समय बेहद गंभीर थे।
इस बारे में बाबूलाल गौर से पूछने पर उन्होंने कहा-‘यह सरकार का अंदरूनी मामला है। कैबिनेट में कई बातें होती हैं, उन्हें सार्वजनिक नहीं किया जा सकता। मुख्यमंत्री ने कुछ कहा है तो अच्छे के लिए ही होगा।’ वित्तमंत्री जयंत मलैया ने ‘नो कमेंट्स’ कहकर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। राजस्व मंत्री रामपाल सिंह ने कहा कि वे कुछ समय के लिए कक्ष से बाहर गए, तभी ऐसी कोई बात हुई होगी। इसकी जानकारी उन्हें नहीं है।