भोपाल। दीपावली का जश्र पटाखों की धूम के बिना अधूरा है। लेकिन जश्र मनाने की खुशी में हम यह भूल जाते हैं पटाखे का शोर और धुंआ हमारी सेहत पर बुरा असर भी डालता है। खासतौर पर हद्य रोग और अस्थमा के मरीजों पटाखों के शोर और धुंए से बचने की सलाह दी जाती है। हालांकि इसका असर बच्चों की सेहत पर भी पड़ता है।

दमे के रोगी रहें सावधान:- फिजिशियन डॉ. अनिमेश शर्मा के अनुसार पटाखों से निकलने वाले धुएं के कारण सांस के रोगियों को काफी तकलीफ होती है। दमे के रोगी बढ़ जाते हैं। इससे बचने के लिए मुंह पर कपड़ा बांधना चाहिए, जिससे धुआं सीधा सांस के साथ अंदर न जाये।

आंखों का भी रखें विशेष ध्यान:- नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. डीएन अग्रवाल के अनुसार पटाखे जलाते समय आंखों का विशेष ध्यान रखें। पटाखों से निकलने वाले जहरीले धुएं से आंखों में जलन हो सकती है। आंखों में बारूद चले जाने पर आंखों की रोशनी तक जा सकती है। उन्होंने कहा कि अक्सर कोई पटाखा नहीं जलने पर बच्चे अथवा बड़े उसे पास से देखने या फूंक मारने की कोशिश करते हैं। इस दौरान पटाखे में अचानक आग पकड़ लेने से विस्फोट होने पर उनकी आंखों को नुकसान पहुंच सकता है। आंखों में पटाखे का धुआं चले जाने पर उसे साफ  ठंडे पानी से अच्छी तरह धोना चाहिए और उसके बाद किसी नेत्र चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए।

सूती कपड़े पहनें:- प्लास्टिक व माइक्रोवेस्क्यूलर सर्जन डॉ. डीके वर्मा के अनुसार बच्चों को सूती कपड़े ही पहनाना चाहिए। जलने पर त्वचा को तत्काल ठंडे पानी से धोकर कोई एंटीसेप्टिक क्रीम लगानी चाहिए। यदि त्वचा अधिक जल गयी है तो तत्काल चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए। उन्होंने बताया कि दिवाली के दिनों में उनके पास आने वाले मरीजों में पटाखों से जलने के कारण घायल होने वालों की संख्या काफी बढ़ जाती है और इनमें से 70 फीसदी लोग हाथों में अनार या बम जलाने के कारण घायल होते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे पटाखे चलाने से बचना चाहिए।