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उज्जैन। विक्रांत भैरव के उपासक तांत्रिक गोविंदप्रसाद कुकरेती (डबराल बाबा) की पार्थिव देह गुरुवार को पंचतत्व में विलीन कर दी गई। इसके पहले ऋषिनगर स्थित निवास से अंतिम यात्रा निकली, जिसमें हजारों लोगों ने बाबा के अंतिम दर्शन कर नम आंखों से विदाई दी। ओखलेश्वर श्मशान पर विक्रांत भैरव मंदिर के पास उनका अंतिम संस्कार किया गया।

बाबा 84 वर्ष के थे। उन्होंने 25 अगस्त को ही अपना जन्मदिन मनाया था। वे लंबे समय से बीमार थे। बुधवार को इंदौर के निजी अस्पताल में इलाज के दौरान उनका निधन हो गया था। खबर मिलते ही देशभर के अनुयायी उज्जैन में जुटना शुरू हो गए। एक विशाल रथ में उनकी पार्थिव देह को ओखलेश्वर श्मशान ले जाया गया। मुखाग्नि बड़े पुत्र मनमोहन कुकरेती ने दी। श्मशान पर बड़ी संख्या में बाबा की भक्त महिलाएं भी पहुंचीं। संत सुमनभाई, डॉ. अवधेशपुरी, व्यंग्यकार पिलकेंद्र अरोरा, रमेश दीक्षित सहित बड़ी संख्या में लोगों ने श्रद्घांजलि दी।