नई दिल्ली, भोपाल। लगातार हो रही मौतों से सुर्खियों में आए व्यापमं घोटाले की जांच समिति के एक और सदस्य डॉ. अरुण शर्मा की शनिवार की रात दिल्ली के एक होटल में रहस्यमय मौत हो गई। डॉ. शर्मा जबलपुर के नेताजी सुभाषचंद्र बोसमेडिकल कॉलेज के डीन थे। बताया जा रहा है कि दो दिन पहले ही उन्होंने व्यापमं से जुड़े करीब 200 दस्तावेज एसटीएफ को सौंपे थे। रविवार को डॉ. शर्मा की मौत के बाद से इस मामले में संदेह और गहरा गया है।

यह सिर्फ इत्तेफाक ही है या कुछ और कि पिछले साल भी 4 जुलाई को ही इसी मेडिकल कॉलेज के डीन रहे डॉ. डीके साकल्ले की भी रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई थी। 1 जुलाई को आईएमए जबलपुर के अध्यक्ष डॉ. सुधीर तिवारी ने डॉ. साकल्ले की हत्या के बारे में कुछ जानकारियां होने की बात कही थी। उन्होंने दावा किया था कि डॉ. साकल्ले को लेजर गन से मारा गया है। अगले दिन ही गृहमंत्री बाबूलाल गौर ने मामले की दोबारा जांच के आदेश दिए गए थे कि डॉ. शर्मा की रहस्यमय मौत ने इस मामले में एक नई गुत्थी उलझा दी।

जांच के लिए अगरतला जाना था डॉ. शर्मा को

डॉ. शर्मा एमसीआई के सदस्य के रूप में अगरतला के मेडिकल कॉलेज की जांच करने जा रहे थे। शनिवार को फ्लाइट से वे दिल्ली पहुंचे थे। वहां वे होटल उप्पल में ठहरे। रविवार की सुबह उनकी अगरतला के लिए फ्लाइट थी। उन्होंने होटल स्टाफ को सुबह जगा देने के लिए कहा था।

रविवार सुबह जब होटल स्टाफ उन्हें जगाने पहुंचा तो काफी देर तक दरवाजा नहीं खुला। बाद में पुलिस की मौजूदगी में दूसरी चाबी से दरवाजा खुलवाया गया तो डॉ. शर्मा का शव बिस्तर पर पड़ा था। कमरे में शराब की एक खाली बोतल थी। वहां उल्टी भी मिली है। पुलिस ने फॉरेंसिक सबूत लेकर शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है।

करंट की तरह फैली खबर, पत्नी बेहोश

डॉ. अरुण शर्मा के मौत की खबर जबलपुर में करंट की तरह फैली। खबर लगते ही उनकी पत्नी सुधा बेहोश हो गईं और शॉक में चली गईं। जैसे ही डॉक्टरों को खबर लगी वे उनके नेहरू नगर स्थित बंगले पर पहुंचे। पूना से उनका बेटा डॉ. देवल दोपहर बाद दिल्ली पहुंचा। वहां से डॉ. शर्मा का शव दीनदयाल उपाध्याय हॉस्पिटल लेकर आए। डॉ. देवल ने फोन पर बताया कि रविवार होने के कारण पोस्टमार्टम नहीं हो सका। पोस्टमार्टम सोमवार को होगा। उनका बेटा नमन देर शाम बंगलुरू से जबलपुर पहुंचा।

इसलिए उठ रहे सवाल

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन जबलपुर के अध्यक्ष डॉ. सुधीर तिवारी कहते हैं-मुझे संदेह है कि डॉ. शर्मा की भी हत्या की गई है। वह डॉ. साकल्ले के काफी करीब थे। डॉ. साकल्ले की मौत को भी पुलिस ने आत्महत्या बताया था लेकिन डॉ. तिवारी का दावा था कि साकल्ले ने आत्महत्या नहीं की थी। डॉ. सुधीर तिवारी ने बताया कि उन्हें दो दिन पहले ही पता चला था कि डॉ. शर्मा ने व्यापमं घोटाले संबंधी एक रिपोर्ट एसटीएफ को सौंपी थी। डॉ. शर्मा ने डॉ. बीके गुहा को व्यापमं मामले की जांच के लिए नोडल अधिकारी बनाया था।

क्या था पीले लिफाफे में

डॉ. अरुण शर्मा ने दिल्ली पहुंचते ही ड्राइवर रवि पॉल को फोन करके पूछा कि पीला लिफाफा कहां रख दिया। वह बहुत महत्वपूर्ण है। ड्राइवर रवि पॉल का कहना है कि उसने डॉ. शर्मा को बताया कि वह लिफाफा उनकी बैग की जेब में रखा है। रवि पॉल के अनुसार उस पीले लिफाफे में जरूर कोई ऐसे दस्तावेज थे, जिसको लेकर वे चिंतित थे।

शर्मा की मौत से सरकार अंजान

रविवार को राजधानी में पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जबलपुर मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. अरुण शर्मा की मौत से अनभिज्ञता जाहिर की। व्यापमं घोटाले के सवाल पर उन्होंने कहा-हाईकोर्ट से ऊपर राज्य सरकार नहीं है। हाईकोर्ट की निगरानी में जांच चल रही है।

इसमें कुछ मौतें हुईं हैं, उनकी भी जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा-व्यापमं घोटाले की जांच करवाकर मैंने कोई अपराध नहीं किया है। इसके बावजूद हमें जो भुगतना होगा, उसके लिए तैयार हैं। पत्रकार अक्षय सिंह की मौत पर मुख्यमंत्री ने कहा कि एसआईटी को पत्र लिखकर जांच करवाने आग्रह किया है।

व्यापमं से जुड़े लोगों को देंगे सुरक्षाः मुख्यमंत्री ने कहा कि गवाहों और एसटीएफ के अधिकारियों सहित व्यापमं से जुड़े सभी लोगों को सुरक्षा दी जाएगी। इसके लिए पुलिस महानिदेशक को निर्देश देंगे। मौतों पर जिम्मेदारी को लेकर उन्होंने कहा कि ये जांच के बाद ही तय हो सकेगा।

पूर्व मंत्री के बेटे थे डॉ. शर्मा

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी डॉ. साकल्ले की मौत का उल्लेख करते हुए एक ट्वीट में बताया है कि डॉ. शर्मा के पिता एनके शर्मा मंत्री, सांसद तथा मप्र कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं।

यह मौत जिन परिस्थितियों में हुई है, उसे लेकर कई सवाल उठाए जा रहे हैं। इसलिए यह बहुत अहम है कि एक बहुत ही निष्पक्ष जांच हो ताकि सारे संदेहों पर विराम लग सके। -अरुण जेटली, केंद्रीय वित्त मंत्री

पत्रकार की अंत्येष्टि में नेताओं का जमावड़ा

पत्रकार अक्षय सिंह का रविवार को दिल्ली में निगम बोध घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस मौके पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, दिल्ली भाजपा अध्यक्ष सतीश उपाध्याय, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह, रणदीप सुरजेवाला, अजय माकन समेत कई अन्य नेता, पत्रकार और अन्य लोग मौजूद थे।