एसी टिकट में स्लीपर की बर्थ भी मुश्किल, 12 घंटे से स्टेशन में पड़े हैं यात्री

भोपाल (नप्र)। ‘मैं अपने परिवार के 100 लोगों के साथ शिर्डी गया था। लौटने का पंजाब मेल में एसी 3 में मनमाड़ से रिजर्वेशन था। डायवर्ट होने की वजह से पंजाब मेल मनमाड़ नहीं आई। हम लोग ट्रेन पकड़ने के लिए 40 हजार रुपए खर्च कर टैक्सी से भोपाल पहुंचे। ट्रेन अभी चार घंटे देरी से है। बताया जा रहा है कि मुझे अब एसी में जगह नहीं मिलेगी। स्लीपर में बर्थ नहीं मिल पा रही है। ऐसे में हम 100 लोग अब कैसे जाएंगे। पूछताछ में कोई कुछ बताने को तैयार नहीं है।’ यह परेशानी दिल्ली के रहने वाले हिमांशु छाबड़ा ने बयां की।

इटारसी में आरआरआई कंट्रोल पैनल में आग से ट्रेनों के डायवर्ट, निरस्त और देर से आने की वजह से हजारों लोग इसी तरह से परेशान हो रहे हैं। करीब 400 मुसाफिर भोपाल स्टेशन में बुधवार रात से पड़े हैं। उन्हें ट्रेनों की आने, डायवर्सन या रद्द होने की सही जानकारी नहीं मिल पा रही है।

इस वजह से वे न तो दूसरी ट्रेन से जा रहे हैं और न ही सड़क मार्ग से। कई यात्रियों ने बताया कि ट्रेन डायवर्ट होने के बाद उन्हें पता चला कि बदले मार्ग से ट्रेन जा रही है। बीच की स्टेशनों में भी डायवर्सन का एनाउंसमेंट नहीं किया गया। इस वजह से दूसरे साधन से भी नहीं जा सके।

यात्रियों को इस तरह की आई परेशानी

-ट्रेन इंक्वायरी और 139 में सही जानकारी नहीं मिली। ट्रेन इंक्वायरी बदले मार्ग की जानकारी तो दी गई, लेकिन ट्रेन कब आएगी यह नहीं बताया जा रहा।

– पूछताछ के लिए भोपाल स्टेशन पर अतिरिक्त काउंटर नहीं खोले गए। जानकारी के लिए सर्फ एक काउंटर में 100 से ज्यादा यात्रियों की भीड़ रही।

-कोई हेल्पलाइन नंबर भी जारी नहीं किया गया।

-आरक्षण कार्यालय में दोनों ओर रिफंड के लिए लंबी कतार लगी।

-3 घंटे से ज्यादा ट्रेन लेट होने पर खाना देने का नियम है, लेकिन करीब 8 घंटे देरी से चलने के बाद भी केरला एक्सप्रेस के यात्रियों को मुफ्त खाना नहीं मिला। उन्होंने ट्रेन 100 रुपए प्लेट खाना खरीदा।

– 3 नंबर प्लेटफार्म पर केरला एक्सप्रेस के आने के समय कोच गाइडेंस डिस्प्ले बंद था। इस वजह से यात्रियों को अपना कोच पता करने में मुश्किल हुई।

महीनों के लिए लटक गए पार्सल

ट्रेनों के डायवर्ट होने की वजह से भोपाल व हबीबगंज के लिए बुक किया गया पार्सल दूसरे स्टेशनों में उतारे जा रहे हैं। पार्सल के अधिकारियों ने कहा कि उन्हें सही जगह पहुंचाने में महीना भर भी लग सकता है। इसमें हरी सब्जी समेत कुछ सामान जल्दी खराब होने वाले भी हैं।