ट्रंप दौरा: अमेरिका-तालिबान की शांति वार्ता पर कांग्रेस ने मोदी से पूछा- कंधार भूल गए?
उन्होंने पूछा कि ईरान पर लगे प्रतिबंद्धों के मद्देनजर उससे तेल खरीदना बंद करने के बाद क्या मोदी भारत के लिए सस्ता तेल सुनिश्चित करेंगे और क्या भारत के तीन अरब की रक्षा खरीद के बाद भारतीय स्टील निर्यात को बढ़ावा मिलेगा? उन्होंने पूछा, ‘ट्रंप सरकार की प्रतिबंधात्मक आव्रजन नीतियों से एच-1बी वीजा प्रभावित हुआ है। भारतीयों को 85,000 एच-1बी वीजा में से 70 प्रतिशत ही वीजा मिल रहे हैं।’
उन्होंने कहा कि अमेरिका की आव्रजन नीति के तहत 2015 के छह प्रतिशत की तुलना में 2019 में 24 प्रतिशत वीजा आवेदनों को रद्द किया गया, जिसमें अधिकतर आईटी पेशेवर शामिल हैं। उन्होंने पूछा, ‘एक करोड़ लोगों के भव्य समारोह के बाद क्या प्रधानमंत्री मोदी एच-1बी वीजा में ढील देने की बात करेंगे?’
सुरजेवाला ने पूछा कि अमेरिका ने 29 फरवरी को तालिबान के साथ एक समझौता करने का फैसला कर लिया है, लेकिन भारत की चिंताओं का क्या?
उन्होंने कहा, ‘क्या हम आईसी-814 को हाईजैक किए जाने और फिर कंधार में उसके बदले मसूद अजहर को छोड़े जाने को भूल गए हैं, जो तब जैश-ए-मोहम्मद का सदस्य था और जिसने संसद और पुलवामा पर हमले किए? भव्य समारोह के खत्म होने के बाद क्या मोदी जी राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा उठाएंगे?’’
कांग्रेस नेता ने कहा कि अमेरिका ने पांच जून 2019 को सामान्य तरजीह व्यवस्था (जीएसपी) जैसी चीजों पर भारत को शुल्क मुक्त आयात की सुविधा देनी बंद कर दी।उन्होंने कहा कि इससे अमेरिका में 5.6 अरब डॉलर का भारतीय निर्यात प्रभावित हुआ, जिसमें रत्न, आभूषण, चावल, चमड़ा आदि शामिल हैं। उन्होंने पूछा कि ‘हाउडी मोदी’ और ‘नमस्ते ट्रम्प’ जैसे भव्य समारोह के बाद क्या प्रधानमंत्री यह सुनिश्चित करेंगे कि जीएसपी के दर्जे को बहाल किया जाए।
सुरजेवाला ने कहा कि 2018 तक भारत ने ईरान से रुपये में भुगतान करते हुए प्रति महीने 250 करोड़ टन कच्चा तेल आयात किया, जिसके तहत 90 दिन की मौहलत और संयंत्रों तक इसे पहुंचाने की सुविधा भी दी गई। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद ईरान से सस्ते दामों में तेल खरीदना बंद कर दिया, जिससे भारत में तेल के दाम बढ़ गए।
उन्होंने पूछा, ‘अहमदाबाद में जश्न के दौरान क्या मोदी जी भारत के लिए सस्ता तेल सुनिश्चित कर पाएंगे।’ कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि ट्रंप सरकार के आयात शुल्क में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी के बाद अमेरिका में स्टील के 76.1 करोड़ डॉलर के आयात में 50 प्रतिशत की गिरावट आने से यह 37.2 करोड़ डॉलर पर पहुंच गया। उन्होंने पूछा, ‘जब भारत तीन अरब डॉलर की रक्षा खरीद को लेकर प्रतिबद्ध है तो भारत के स्टील निर्यात पर कोई छूट क्यों नहीं?’
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