रीवा -जल संसाधन विभाग के निर्माण कार्यों में चल रही भर्रेशाही का एक और नमूना सामने आया है। अपर पुरवा नहर की चचाई माइनर में कांक्रीट का निर्माण करीब दो माह पहले ही हुआ था जो अब बारिश होते ही धंस गया है। दोंदर और धौचट गांव में बनाईगईमाइनर नहर के निर्माण को लेकर इसके पहले भी स्थानीय लोगों ने सवाल उठाया था, लेकिन अधिकारियों ने ग्रामीणों की शिकायतों को नजरअंदाज कर दिया था। बीते दो-तीन दिनों से हो रही बारिश के कारण माइनर नहर का एक बड़ा हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है। इसके पहले भी कच्ची नहर में जब पानी छोड़ा गया था तो कईस्थानों पर वह टूटी थी जिसके चलते गांवों में लोगों के घरों में पानी भर गया था। उस दौरान भी नहर निर्माण की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठाया गया था। विभाग के अधिकारियों ने उस दौरान कोई कार्यवाही नहीं की थी। आरोप है कि कमीशन के चलते अफसरों ने ठेकेदार पर दबाव नहीं बनाया है।
नहीं पहुंचे अधिकारी

दोंदर और धौचट गांव में नहर टूटने से उसमें आया पानी गांव में खेतों में भर गया है। इसकी सूचना जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को दी गईलेकिन कोई नहीं पहुंचा है। इतना ही नहीं जल उपभोक्ता संथा के प्रति भी ग्रामीणों ने नाराजगी जताईहै। संथा के सदस्यों ने भी किसी तरह का सहयोग नहीं किया है।