भाजपा से दूसरी बार निष्कासित हुए बागी नेता जसवंत सिंह ने स्पष्ट कर दिया कि अब वह निमंत्रण मिलने पर भी पार्टी में वापस नहीं आएंगे। लेकिन सबकुछ सही हुआ तो लोकसभा चुनाव जीतने के बाद वह मुद्दों पर राजग या किसी भी दूसरे गठबंधन को समर्थन कर सकते हैं। वह खुद तो भाजपा से बाहर ही रहना चाहते हैं लेकिन बेटे मानवेंद्र सिंह के खिलाफ कार्रवाई से वह आहत हैं। उन्होंने मानवेंद्र का बचाव करते हुए कहा कि वह हमारे चुनाव प्रचार में कभी नहीं गया। लेकिन उसे परेशान किया जा रहा है। यह उचित नहीं है।

बाड़मेर से भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ने के बाद जसवंत पहली बार मीडिया से रू-ब-रू थे। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पार्टी से बाहर आने के बाद वह स्वतंत्र महसूस कर रहे हैं और ऐसे ही रहना चाहेंगे। पार्टी ने और खासतौर पर भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने ऐसी स्थिति पैदा कर दी थी, जिसमें उनके लिए कोई जगह नहीं बची। वह अटल बिहारी वाजपेयी के मंत्रिमंडल में अहम जिम्मेदारी निभा चुके हैं। अब उन्हें कोई चाहत नहीं है। लिहाजा भाजपा में वापस आने का सवाल ही नहीं है।

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि भाजपा में हमेशा सामूहिक नेतृत्व की संस्कृति रही है। अब एकल नेतृत्व दिखने लगा है। पार्टी ने यह फैसला किया है और पार्टी को ही आगे तय करना है। उन्होंने कहा कि वह व्यक्ति पर बोलना नहीं चाहते हैं लिहाजा यह नहीं जानते कि मोदी कैसे प्रधानमंत्री साबित होंगे।