कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की बेटी प्रियंका गांधी वाड्रा ने हरियाणा में जमीन खरीद विवाद पर आखिरकार चुप्पी तोड़ दी है. उन्होंने एक बयान जारी कर कहा है कि हरियाणा में उन्होंने अपने पति रॉबर्ड वाड्रा के पैसे से नहीं बल्कि अपने पैसों से जमीन खरीदी है, उनके पैसों से वाड्रा का कोई लेना-देना नहीं है.प्रियंका गांधी ने कहा, ‘हरियाणा में खरीदी गई जमीन के लिए पैसा मैंने खुद भरा है और इस पैसे का उनके पति या स्काईलाइट और डीएलएफ कंपनी से कोई संबंध नहीं है.’ उन्होंने कहा कि जमीन खरीदने के लिए उन्होंने दादी इंदिरा गांधी से विरासत में मिली रेंटल प्रॉपर्टी की आय का इस्तेमाल किया था.बता दें कि प्रियंका गांधी पर आरोप लगा है कि उन्होंने 2006 में हरियाणा के गांव अमिपुर में 5 एकड़ कृषि भूमि खरीदने के लिए रॉबर्ट वाड्रा और उनकी कंपनी स्काइलाइट हॉस्पिटैलिटी और डीएलएफ के पैसों से का इस्तेमाल किया है. इन आरोपों को अब प्रियंका गांधी ने खारिज करते हुए राजनीतिक साजिश करार दिया है.
 प्रियंका गांधी ने 5 एकड़ की इस जमीन के बदले 15 लाख रुपये चुकाए थे. उनकी ओर से जारी बयान में कहा गया है 15 लाख रुपए का भुगतान चेक से किया गया था और इसके लिए जरूरी 4 फीसदी का स्टैम्प ड्यूटी यानी 60 हजार रुपए चुकाए गए थे.
 17 फरवरी, 2010 को प्रियंका गांधी ने इस जमीन को इसके मूल मालिक को 80 लाख रुपये में बेच दिया और इसके लिए भुगतान भी चेक से लिया गया था, जो उस समय के मार्केट वैल्यू के अनुसार था.
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