छत्तीसगढ़ : 9 विधायकों ने ली मंत्री पद की शपथ, नई कैबिनेट की पहली बैठक में टाटा की जमीन किसानों काे लौटने पर मुहर
- टीएस सिंहदेव की संपत्ति 500 करोड़ रुपए, बाकी मंत्रियों की कुल संपत्ति महज 64 करोड़
- 35 साल के उमेश पटेल सबसे युवा मंत्री, कैबिनेट की औसत उम्र 57 साल
- मंत्रिमंडल में जातिगत समीकरण को महत्व, तीन आदिवासी, दो सतनामी समाज के विधायकों को मौका
रायपुर. छत्तीसगढ़ में मंगलवार को नौ मंत्रियों ने शपथ ली। कवासी लखमा, शिव डहरिया, उमेश पटेल, जयसिंह अग्रवाल, गुरु रुद्र कुमार और अनिला भेड़िया को पहली बार मंत्री बनाया गया है। इनके अलावा मो. अकबर, प्रेमसाय सिंह टेकाम और रविंद्र चौबे ने भी शपथ ली। इससे पहले 17 दिसंबर को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ टीएस सिंहदेव और ताम्रध्वज साहू ने भी शपथ ली थी। इसके साथ ही अब कैबिनेट में कुल 12 मंत्री हो गए हैं। राज्य में मुख्यमंत्री समेत 13 मंत्री हो सकते हैं। इस तरह एक पद अभी खाली है।
3-3 मंत्री सामान्य और आदिवासी वर्ग से, 2 दलित, 1 अल्पसंख्यक
मंत्री | विधानसभा सीट | वर्ग |
भूपेश बघेल | पाटन | पिछड़ा |
ताम्रध्वज साहू | दुर्ग | पिछड़ा |
उमेश पटेल | खरसिया | पिछड़ा |
रविंद्र चौबे | साजा | ब्राह्मण |
जयसिंह अग्रवाल | कोरबा | वैश्य |
टीएस सिंहदेव | अंबिकापुर | ठाकुर |
कवासी लखमा | कोंटा | आदिवासी |
अनिला भेड़िया | डोंडी लोहारा | आदिवासी |
प्रेमसाय सिंह टेकाम | प्रतापपुर | आदिवासी |
शिव डहरिया | आरंग | दलित |
गुरु रुद्र कुमार | अहिवारा | दलित |
मो. अकबर | कबीरधाम | अल्पसंख्यक |
उमेश बने मंत्री, झीरमघाटी हमले में मारे गए थे पिता
35 साल के उमेश पटेल सबसे युवा मंत्री हैं। उनके पिता नंदकुमार पटेल 2013 के झीरमघाटी हमले में मारे गए थे। 69 साल के ताम्रध्वज साहू सबसे बुजुर्ग मंत्री हैं। 57 साल के बघेल कैबिनेट की औसत उम्र भी 57 साल है।
सभी मंत्री करोड़पति
भूपेश बघेल समेत सभी 12 मंत्री करोड़पति हैं। सबसे युवा मंत्री उमेश पटेल के पास सबसे कम 1.78 करोड़ रुपए की संपत्ति है। टीएस सिंहदेव सबसे अमीर मंत्री हैं। उनके पास 500 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति है।
12 मंत्रियों में से 7 ग्रेजुएट
शिक्षा | कितने मंत्री |
ग्रेजुएट | 6 |
पोस्ट ग्रेजुएट | 3 |
बारहवीं | 2 |
साक्षर | 1 |
महंत बनेंगे विधानसभा अध्यक्ष
- वोरा बन सकते हैं उपाध्यक्ष : सक्ती से विधायक और पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ. चरणदास महंत विधानसभा अध्यक्ष बनेंगे। जबकि, दुर्ग शहर से चुने गए वरिष्ठ विधायक अरुण वोरा को उपाध्यक्ष बनाया जा सकता है। वोरा तीसरी बार विधायक चुने गए हैं।
- अमरजीत के हाथों पीसीसी की कमान : भूपेश बघेल को मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद अब पीसीसी की कमान आदिवासी नेता को देने की तैयारी है। मंत्री पद की दौड़ में शामिल रहे अमरजीत भगत को पीसीसी अध्यक्ष बनाया जा रहा है। वे आक्रामक शैली की राजनीति के लिए जाने जाते हैं।
- पहली बार के विधायकों को मौका नहीं : कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया ने कहा कि पहली बार के विधायकों को मौका नहीं दिया गया है। नए कैबिनेट में प्रदेश के सभी क्षेत्रों, जाति और वर्गों का समावेश है। साथ ही अनुभव को भी तरजीह दी गई है।
मुख्यमंत्री ने मंत्री का एक पद खाली रखा
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक पद को फिलहाल खाली रखने का फैसला किया है। नई कैबिनेट की पहली बैठक में टाटा के लिए बस्तर में अधिग्रहित जमीन किसानों को लौटाने का फैसला किया गया। निर्धारित समय पर शुरू हुआ यह कार्यक्रम सिर्फ 25 मिनट चला। पहले रविन्द्र चौबे ने मंत्री पद की शपथ ली।
फिर प्रेमसाय सिंह टेकाम, मोहम्मद अकबर, कवासी लखमा, डॉ. शिव डहरिया, अनिला भेड़िया, जयसिंह अग्रवाल, गुरु रुद्रकुमार आैर उमेश पटेल ने शपथ ली। राज्यपाल ने कवासी लखमा को शब्दश: पढ़कर शपथ दिलाया। लखमा केवल साक्षर हैं। भूपेश मंत्रिमंडल में मंत्रियों की संख्या 12 हो गई।
सिंहदेव और ताम्रध्वज ने सीएम भूपेश के साथ शपथ ली थी। समारोह में विधायक चरणदास महंत, रामपुकार सिंह, राज्यसभा सदस्य पीएल पुनिया समेत बड़ी संख्या में जनसामान्य उपस्थित थे। समारोह का संचालन प्रदेश के मुख्य सचिव अजय सिंह ने किया।
एक माह में जमीन लौटाने की प्रकिया शुरू
मंत्री रविंद्र चौबे और मोहम्मद अकबर ने बताया कि एक महीने के भीतर मुख्य सचिव जमीन वापस करने की प्रक्रिया शुरू करेंगे। अभी ये तय नहीं हुआ है कि जिन किसानों ने मुआवजा ले लिया है, उस जमीन को वापस लौटाने के एवज में क्या मुआवजे की राशि वापस ली जायेगी। जमीन के एवज में 42.7 करोड़ रुपया मुआवजा बांटा गया था। उल्लेखनीय है कि बस्तर के लोहांडीगुड़ा में टाटा के लिए 10 गांवों के 1707 किसानों की 6400 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की गई थी।
15 साल में पहली बार अल्पसंख्यक मंत्री
ओबीसी, आदिवासी और सामान्य से तीन-तीन मंत्री बनाए गए हैं। ओबीसी से स्वयं सीएम बघेल, ताम्रध्वज साहू, उमेश पटेल हैं। आदिवासी समाज से प्रेमसाय सिंह, कवासी लखमा और अनिला भेड़िया हैं। सामान्य वर्ग से टीएस सिंहदेव, रविंद्र चौबे व जयसिंह अग्रवाल हैं।
सतनामी समाज से शिव डहरिया और रुद्र गुरु हैं। 15 साल बाद अल्पसंख्यक वर्ग को मो. अकबर के जरिए प्रतिनिधित्व मिला है। सबसे ज्यादा 6 मंत्री दुर्ग संभाग से हैं। सरगुजा व बिलासपुर संभाग से 2-2 और रायपुर व बस्तर संभाग से 1-1 मंत्री हैं।
धनेंद्र, अमितेष, सत्यनारायण और रामपुकार नाराज : मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किए जाने से नाराज वरिष्ठ विधायक धनेंद्र साहू ,अमितेष शुक्ल और अरुण वोरा शपथ ग्रहण समारोह में नहीं पहुंचे। जबकि सत्यनारायण शर्मा समारोह में पहुंचे लेकिन चेहरे पर नाराजगी थी। वरिष्ठतम विधायक रामपुकार सिंह शपथ में तो आए पर रात सीएम के डिनर में शामिल नहीं हुए।