भारत की 21 वर्षीय बैडमिंटन खिलाडी पीवी सिंधु ने रियो ओलंपिक के महिला सिंगल्स क्वार्टर फ़ाइनल में चीन की वांग यिहान को हराकर एक बड़ी मानसिक जीत भी हासिल की है.

विश्व नंबर 2, वांग दो बार विश्व चैंपियन रह चुकीं हैं और उन्होंने दो बार एशियन गेम्स का गोल्ड मेडल भी जीता था.

बहराल ओलंपिक सेमीफ़ाइनल में पीवी सिंधु का मुक़ाबला अब जापान की नोज़ोमी ओकुहारा से होगा जिन्होंने इसी वर्ष बैडमिंटन का विम्बल्डन कही जाने वाली प्रतिष्ठित ऑल इंग्लैंड प्रतियोगिता जीती है.

हालांकि ओकुहारा और सिंधु उम्र में बराबर हैं लेकिन जापानी खिलाड़ी अपने करियर में विश्व नंबर 3 तक की रैंकिंग तक पहुंची हैं जबकि सिंधु की सबसे अच्छी रैंकिंग 9 की है.

लेकिन दोनों के बीच पिछले वर्षों में बढ़ती होड़ में, सबसे अहम बात है वर्ष 2012 में हुई एशियन यूथ अंडर-19 प्रतियोगिता का फ़ाइनल मुक़ाबला.

दोनों अपने प्रोफेशनल करियर की शुरुआत ही कर रहीं थी लेकिन उस ख़िताबी भिड़ंत में पीवी सिंधु ने बाज़ी 18–21, 21–17, 22–20 से मारी थी.

हालांकि 2015 में नोज़ोमी ओकुहारा ने सिंधु को दो बड़े मैचों में हराया भी था जिसमें एक मलेशिया ओपन का सेमीफ़ाइनल था.

लेकिन रियो में सिंधु का फ़ॉर्म अब तक का बेहतरीन दिख रहा है क्योंकि विश्व नंबर 2 वांग यिहान से भी करियर भिड़ंत में वे 2-4 से पीछे ही थीं.

वांग को हराने के बाद नोजोमी के ख़िलाफ़ सेमीफाइनल में सिंधु का उत्साह इसलिए भी सांतवें आसमान पर होगा क्योंकि दूसरे महिला एकल सेमीफ़ाइनल में जो दो खिलाड़ी हैं उन्हें भी सिंधु अपने करियर में शिकस्त दे चुकी हैं.

दूसरा सेमीफ़ाइनल स्पेन की अनुभवी खिलाडी कैरोलीना मारिन और चीन की ली ज़रुई के बीच हैं.

सिंधु ने वर्ष 2015 के डेनमार्क ओपन में कैरोलिना मारिन को 72 मिनट तक चले मुक़ाबले में 21-15, 18-21, 21-17 से हराया था.

हालाँकि इस जीत के अगले महीने ही कैरोलिना ने सिंधु को हॉंगकॉंग ओपन के पहले दौर में शिकस्त दी थी.

फ़िलहाल मारिन विश्व की नंबर 1 खिलाडी हैं जबकि सिंधु की विश्व वरीयता 10 है. लेकिन दोनों के बीच हुए 7 अंतरराष्ट्रीय मैचों में फ़ासला बेहद कम, 4-3 का है.

अगर चीन की ली ज़रुई अपने सेमीफ़ाइनल में कैरोलिना को हरा देतीं हैं तब भी सिंधु को मानसिक बढ़त रहेगी क्योंकि उन्होंने ली को दो बड़े मैचों में हराया है.

भले ही करियर मुक़ाबलों में ली के पास 3-2 की हल्की बढ़त है लेकिन सिंधु ने उन्हें 2012 की चायना मास्टर्स में हराने के अलावा 2015 की विश्व चैम्पियनशिप में भी शिकस्त दी थी.

अभी तक भारत की तरफ़ से ओलंपिक की बैडमिंटन प्रतियोगिता में सबसे बेहतरीन प्रदर्शन साइना नेहवाल का रहा था लेकिन रियो में उनकी शुरूआती हार को बड़ा झटका भी बताया गया.

हालांकि किदांबी श्रीकांत अभी पुरुष एकल क़्वार्टर फाइनल में हैं लेकिन पीवी सिंधु ने सेमीफ़ाइनल में धुआंधार प्रवेश करने के साथ अपनी दावेदारी बढ़ा दी है.download