गरोठ से जितेन्द्र व्यास। मंदसौर जिले की गरोठ विधानसभा सीट डेढ़ साल में दूसरी बार चुनावी रंग में है। विधायक राजेश यादव के निधन के बाद खाली हुई सीट के लिए भाजपा-कांग्रेस के नेता ताकत झोंक रहे हैं। पिछले बीस दिनों से भाजपा केंद्र और राज्य में विकास की गंगा बहाने के दावे कर रही है तो कांग्रेस सरकार की असफलता और राग ‘व्यापमं घोटाला’ गा रही है।

जनता चुप्पी साधे दोनों ही दलों का दंगल देख रही है। कुरेदने पर मतदाता इतना तो बोल ही देता है कि चाहे ये रहें या वो हमारी समस्या तो जस की तस है। पीने का पानी नहीं और करने को काम नहीं। जातिगत और सामाजिक समीकरणों के साथ-साथ बूथ और वार्ड स्तर की प्लानिंग भी प्रदेश अध्यक्ष, संगठन महामंत्री और मंत्रियों की मौजूदगी में हो रही है।

भाजपा: जोड़-तोड़ से मिले टिकट पर विकास का मुद्दा हावी

उपचुनाव के लिए उम्मीदवार तय करने में ही भाजपा को खासी रस्साकशी करना पड़ी। पहले यहां से राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रदेश शारीरिक प्रमुख रहे देवीलाल धाकड़ के नाम पर सहमति बनी थी। तैयारियों के लिए उन्हें संघ के दायित्व से मुक्त भी कर दिया गया था, बाद में समीकरण बदले और उनका टिकट कट गया। इससे संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी नाराज हो गए।

धाकड़ को बाद में जिला अध्यक्ष बना दिया गया। स्व.राजेश यादव का परिवार भी उनकी पत्नी सीमा यादव के लिए टिकट का प्रयास कर रहा था। यादव परिवार के साथ जनता की सहानुभूति भी थी, लेकिन यहां भी नेताओं ने एडजस्टमेंट फार्मूले का इस्तेमाल करते हुए टिकट नहीं दिया और बेटे विनीत यादव को भाजयुमो प्रदेश उपाध्यक्ष बना दिया। टिकट की दौड़ में नए चेहरे चंदरसिंह सिसोदिया को सफलता मिली।

गांवों की जिम्मेदारी विधायकों पर

भाजपा की ओर से केंद्रीय मंत्री नरेंद्रसिंह तोमर, प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमारसिंह चौहान, दीपक जोशी, सहित आधा दर्जन मंत्री मैदान संभाले हुए हैं। मनासा विधायक कैलाश चावला को चुनाव संचालन की कमान सौंपी गई है। संगठन महामंत्री अरविंद मेनन पिछले दस दिनों से गरोठ में ही डेरा डाले हुए हैं। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान चार दिन रोड शो और सभाएं करेंगे। भाजपा ने हर उस विधायक को यहां बुला लिया है, जिनकी जाति के मतदाता विधानसभा क्षेत्र में रहते हैं।

उन्हें अपने समाज के मतदाताओं को पक्ष में करने की जिम्मेदारी दी गई है। चुनाव संचालक चावला दावा करते हैं कि सीट हम आराम से जीत लेंगे। नगर पालिका, मंडी, जनपद सभी जगह हमारे ही उम्मीदवार जीते हैं। कांग्रेस ने ऐसा कोई काम नहीं किया, जिससे 26 हजार वोट की लीड कवर कर सके।

गांवों में हालत खराब

काला खेड़ा गांव में भाजपा प्रत्याशी सिसोदिया ग्रामवासियों से चर्चारत थे। विकास के दावे और वादों के बीच यह भी कह डाला कि कांग्रेसी आएं तो खेत पर ले जाकर खाना खिलाओ और वहीं बैठा दो। पहला चुनाव और क्षेत्र में जातिगत समीकरणों पर बोले- स्व.राजेश जी के प्रति जो सहानुभूति है उसका लाभ भाजपा को मिलेगा। विधानसभा चुनाव भले ही पहली बार लड़ रहा हूं, लेकिन जनता के बीच वर्षों से सक्रिय हूं।

हालांकि विधानसभा क्षेत्र में गांवों की खराब हालत और लोगों के गुस्से से भाजपा नेता चिंतित हैं। करीब 11 हजार की आबादी के बोलिया गांव की हालत खस्ता है। गांव के भीतर गंदगी, कीचड़ और पेयजल का भीषण संकट है। मसाला व्यापारी मोहम्मद रईस बताते हैं कि 15 साल भाजपा की सरकार रही। कांग्रेस-भाजपा दोनों के विधायक बने, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। पेयजल, शिक्षा के लिए गांव से दूर जाना पड़ता है। आसपास के गांवों के करीब 35 हजार लोगों के लिए डॉक्टर नहीं है।

कांग्रेस: पुराने चेहरे और समीकरणों से किला फतह करने का सपना

कांग्रेस ने एक बार फिर पूर्व मंत्री सुभाष सोजतिया पर दांव लगाया है। पिछले चुनाव में श्री सोजतिया 26 हजार से अधिक वोटों से चुनाव हार गए थे। इस बार कांग्रेस के बड़े नेता जोर लगाए हुए हैं। प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव सप्ताह भर से यहीं डेरा डाले हुए हैं। उनके साथ पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन, वरिष्ठ नेता केके मिश्रा, पूर्व विधायक अश्विन जोशी, मोहन प्रकाश आदि रणनीति तैयार कर रहे हंै। राजब्बर, कमलनाथ, सचिन पायलट, दिग्विजयसिंह, कांतिलाल भूरिया की सभाएं भी विधानसभा क्षेत्र में आयोजित की जा रही हैं। कांग्रेस नेता क्षेत्र में विकास नहीं होने को मुद्दा बनाकर जनता के बीच जा रहे हैं।

सरकार से लड़ रहे हैं चुनाव

ग्रामीण क्षेत्र का संपर्क पूरा कर गरोठ लौटे कांग्रेस प्रत्याशी सोजतिया बोले, मुख्यमंत्री से यहां की जनता नाराज है। ओला-पाला का मुआवजा ही नहीं मिला। गांधी सागर बांध के लिए क्षेत्र के लोगों ने अपनी जमीन छोड़ी, लेकिन उन्हें पीने का पानी भी नहीं मिल रहा। भाजपा की पूरी सरकार यहां लगी है, लेकिन जनता सब समझती है। भाजपा से जुड़े माफिया अवैध जल परिवहन और डोडा चूरा की हेराफेरी में जुटे हैं। गांवों में कांग्रेस को लेकर भी नाराजगी है। बोलिया के लोगों का कहना है कि सोजतिया ने चुनाव के बाद कभी संपर्क नहीं किया।

नेताओं ने कहा

भाजपा ने क्षेत्र में काफी विकास किया है, जनता ने पहले भी साथ दिया था अब भी देगी। हमें कुछ कहने की जरूरत नहीं, विकास को जनता ने देखा है कांग्रेस को वही जवाब देगी। -नंदकुमारसिंह चौहान, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष

विकास के सिर्फ दावे ही हुए हैं। पीडीएस का माल गरीबों के बजाय भाजपा नेताओं के यहां पहुंचा है। किसानों का जमकर शोषण हुआ। यूपीए सरकार की योजनाएं भी बंद कर दी। जनता हमारे साथ है, हमें फायदा होगा। -अरुण यादव, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष

सवाल, जिनके जवाब चाहती है जनता

-पेयजल संकट वर्षों से है। किसी भी सरकार ने इस दिशा में पहल नहीं की।

-बेरोजगारी हावी है। लोग पलायन कर राजस्थान जा रहे हैं।

-व्यापारी वर्ग गुंडागर्दी और अजा वर्ग जातिवाद से परेशान है, जनप्रतिनिधि ध्यान नहीं देते।

– बेहतर स्कूलों-अस्पतालों की जरूरत है।

फैक्ट फाइल

पिछले तीन चुनावों के नतीजे

वर्ष 2003- राजेश यादव- भाजपा

वर्ष 2008- सुभाष सोजतिया- कांग्रेस

वर्ष 2013- राजेश यादव- भाजपा

कुल मतदाता-2 लाख 18 हजार 246

जातिगत जनसंख्या(अनुमानित)

अजा वर्ग- 26 हजार

सोंधिया- 20 हजार 500

ब्राह्मण-वैश्य- 16 हजार

पाटीदार- 11 हजार

मुस्लिम- 7 हजार

खाती समाज- 5 हजार

रावत मीणा- 5 हजार

तंबोली- 5 हजार