कुबेर के ऐतिहासिक मंदिर पर धनतेरस पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
मंदसौर। धनतेरस पर सोमवार को भगवान कुबेर की पूजा करने के लिए सुबह से देर रात तक खिलचीपुरा स्थित धौलागढ़ महादेव मंदिर पर श्रद्घालुओं का तांता लगा रहा। यहां विशेष अनुष्ठान भी हुए। श्रद्घालुओं ने पूजा-अर्चना कर भगवान कुबेर से धन व समृद्घि की कामना की।
सोमवार को शहर से सटे खिलचीपुरा में स्थित धौलागढ़ महादेव मंदिर में भगवान कुबेर की प्रतिमा के दर्शनों के लिए सुबह से ही भक्तों का तांता लग गया। लंबी कतार में लगकर भक्तों ने दर्शनों का लाभ लिया। सुबह 9.30 बजे से महाभिषेक, हवन और पूजन किया गया।
इसके बाद महाआरती कर भोग लगाकर प्रसादी का वितरण किया गया। सुबह कलेक्टर स्वतंत्र कुमार सिंह व एसपी मनोज शर्मा ने भी कुबेर मंदिर पहुंच पूजा अर्चना की। 10 बजे विशेष हवन पूजन में कई भक्तों ने भाग लिया। दर्शन करने के लिए भक्तों को कतार में लगकर घंटों इंतजार करना पड़ा। रात तक लोग मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचते रहे।
1400 साल पुराना है मंदिर
पशुपतिनाथ मंदिर से कुछ ही दूरी पर स्थित ग्राम खिलचीपुरा स्थित धौलागढ़ महादेव मंदिर के पुजारी हेमंत गिरि गोस्वामी की मानें तो यह मंदिर अत्यंत प्राचीन है। विश्व में दो ही स्थान ऐसे हैं, जहां शिव पंचायत में कुबेर भी शामिल हैं। एक देश के चार धामों में शामिल केदारनाथ में तथा दूसरी प्रतिमा गुप्तकाल के 1400 साल पुराने धौलागढ़ महादेव मंदिर में हैं।
इतिहासविद् डॉ. कैलाश पांडेय के अनुसार कुबेर की प्रतिमा उत्तर गुप्तकाल 7 वीं शताब्दी में निर्मित है। मराठा काल में धोलागिरी महादेव मंदिर के निर्माण के दौरान इसे गर्भगृह में स्थापित किया गया। इस मंदिर में भगवान गणेश व माता पार्वती की प्रतिमा भी है।
डॉ. पांडेय बताते हैं कि 1978 में इस प्रतिमा को मंदिर के गर्भगृह में देखा गया। प्रतिमा में कुबेर बड़े पेट वाले, चतुर्भुजाधारी सीधे हाथ में धन की थैली और तो दूसरे में प्याला धारण किए हुए है। नर वाहन पर सवार इस प्रतिमा की ऊंचाई लगभग तीन फीट है।