कोतबा-छग (निप्र) । पोस्टमार्टम के लिए किसान के शव को लेकर परिजन को 12 किमी पैदल चलना पड़ा। मृतक के परिजन को शव वाहन उपलब्ध कराने की कोशिश न तो पुलिस विभाग ने की और न ही स्वास्थ्य विभाग ने। स्वतंत्रा दिवस के दिन हुए इस अमानवीय घटना को प्रशासन मूक दर्शक बना देखता रहा। घटना कोतबा चौकी क्षेत्र के पतराटोली फुटामुड़ा गांव की है।

14 अगस्त की शाम 6 बजे मानकराम सिदार (46) खेत में खरपतरवार निकालने में जुटा था। इस दौरान सोनसाय सिदार (48) और जयराम नितर (32) खेत में पहुंचे। उनका मानकराम से विवाद हुआ। इसके बाद दोनों ने मानकराम पर कुल्हाड़ी और डंडे से हमला कर दिया। हमले में सिर पर आए गंभीर चोट की वजह से मानकराम की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। कोतबा पुलिस ने घटनास्थल पहुंच कर कागजी कार्रवाई पूरी की।

मानकराम के पुत्र सीताराम की रिपोर्ट पर सोनसाय और जयराम के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध किया गया। पुलिसकर्मी मानकराम के परिजन को शव को पोस्टमार्टम के लिए कोतबा लेकर आने का फरमान सुनाकर वापस लौट आए। कोतबा जाने का साधन न मिलने पर परिजन 15 अगस्त को मानकराम के शव को कंधे में लेकर 4 किमी पैदल चल कर कोतबा अस्पताल पहुंचे। यहां परिजन को बताया गया कि शव का पोस्टमार्टम आमगांव स्थित पोस्टमार्टम हाउस में किया जाएगा।

परिजन शव को कंधे में ढोकर पुनः 2 किमी की दूरी तय कर आमगांव के पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे। यहां पोस्टमार्टम के बाद मृतक के परिजन ने शव को कंधे में ढोकर पुनः 6 किमी की दूरी तय कर पतराटोली फुटामुड़ा गांव पहुंचे। मूकदर्शक बना रहा प्रशासन स्वतंत्रता दिवस के दिन पोस्टमार्टम के लिए किसान के शव को कंधे में लेकर 12 किमी की पदयात्रा कर रहे परिजनको लेकर पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी आंखे मूंदे रहे।

पुलिस के पास साधन नहीं

मुझे अब तक मामले की कोई सूचना नहीं दी गई है। पोस्टमार्टम के लिए शव को चीरघर तक लाने के लिए पुलिस विभाग के पास न तो कोई साधन है और नही फंड। मामले की जानकारी लेने के बाद ही इस संबंध में कुछ कहा जा सकता है।