मध्यप्रदेश में बीजेपी सरकार के दौर में राज्यमंत्री का दर्जा पाने वाले कम्प्यूटर बाबा भोपाल में कांग्रेस उम्मीदवार दिग्विजय सिंह की जीत के लिए कर रहे हठयोग

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भोपाल: मध्यप्रदेश  में एक साल पहले जिस बाबा को बीजेपी की तत्कालीन शिवराज सिंह सरकार ने राज्यमंत्री का दर्जा दिया था वही बाबा अब कह रहा है कि ‘चौकीदार’ को बदल डालो. लोकसभा चुनाव  में भोपाल सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी दिग्विजय सिंह के समर्थन में आगे आ चुके नामदेव त्यागी उर्फ कंप्यूटर बाबा, प्रज्ञा ठाकुर को साध्वी नहीं मानते. बाबा ने कहा कि ‘साधु हत्याकांड, बम ब्लास्ट के साथ नहीं, आतंकवाद के साथ नहीं धर्म के साथ रहेगा.’ मोदी सरकार पर उन्होंने टिप्पणी की कि ‘राम मंदिर नहीं तो मोदी नहीं … सबने सोचकर रखा है राम-राम ही अबकी बार, बदल के रख दो चौकीदार.’भोपाल लोकसभा सीट पर अब लड़ाई साधु बनाम साध्वी हो गई है. बीजेपी से प्रज्ञा ठाकुर के नामांकन में पहुंचे साधु-संतों के बाद अब बारी दिग्विजय सिंह की है. उनके समर्थन में कम्प्यूटर बाबा  की अगुवाई में संतों ने भोपाल में अगले तीन दिनों के लिए डेरा जमा लिया है. कोहेफिजा के सैफिया कॉलेज में साधुओं ने तेज गर्मी में दिग्विजय सिंह की जीत के लिए हठयोग शुरू कर दिया है. मंगलवार की सुबह खुद दिग्विजय सिंह यहां पहुंचे और अपनी पत्नी के साथ संत-समागम में पूजा-अर्चना की. उन्होंने जीत के लिए संतों से आशीर्वाद मांगा.

सैफिया कॉलेज के मैदान में तेज गर्मी और चिलचिलाती धूप के बीच साधु अलग-अलग जलते हुए कंडों का घेरा बनाकर उनके बीच बैठे हुए थे. कोई तलवार भांजता नजर आ रहा था, तो कोई मंत्र पढ़ता. इस पूजा में पूर्व सीएम व कांग्रेस के प्रत्याशी दिग्विजय सिंह अपनी पत्नी अमृता सिंह के साथ हवन कुंड में आहुतियां देने के लिए बैठे. भोपाल में साध्वी बनाम साधु की लड़ाई में बीजेपी पलटवार कर रही है तो मुंह से दोहे निकल रहे हैं. प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने साधुओं के जमावड़े पर कहा ‘निर्मल मन जन सो मोहि पावा, मोहि कपट छल छिद्र ना भावा.’ वहीं बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा का कहना था ‘अब पछतावत क्या होत है, जब चिड़िया चुग गई खेत… पहले दिग्विजय सिंह ने हिंदुओं को आतंकी कहा, अब भगवा के सामने नतमस्तक होकर पूजा-पाठ कर रहे हैं.

कम्प्यूटर बाबा का दावा है कि मैदान में 13 अखाड़ों से 7000 संत जुटे हैं, जो पहले तप फिर रोड शो करेंगे. लेकिन कुछ संत ऐसे भी मिले जिन्हें नहीं पता था कि मंच राजनीतिक है सो वे पंडाल छोड़ निकल पड़े. करैलीधाम से आए जानकीदास ने कहा ‘रोड शो करेंगे.. हमें क्या लेना, हमको इस बारे में जानकारी नहीं.’ वहीं पुणे से आए प्रेमदास बैरागी ने कहा ‘यहां एक राजनीतिक पार्टी का प्रचार चल रहा है. चले जाएंगे हम तो साधु हैं, धर्म के लिए जीते हैं, मरते हैं, साधू बने हैं.’ वहीं गुजरात से आए रामचंदर दास ने कहा ‘सब महात्मा पकड़ कर लाए हैं. सबने कहा रसोई है, इसलिए आए हैं. हमको कुछ मालूम नहीं.’